निजी स्कूल की बदसुलूकी से छात्र-परिजन परेशान

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
निजी स्कूलों में गरीबों का शोषण हो रहा है। निजी स्कूल संचालक नियमों को धता बताते हुए गरीबों के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखला भी नहीं दे रहे है उल्टे उनके साथ दुव्र्यवहार कर रहे है। पेटलावद और पूरे क्षेत्र में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी चल रही है। जिस कारण गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार के नियम से वंचित रखा जा रहा है। और उनका शोषण हो रहा है। गरीब बच्चों के नाम से क्षेत्र के सभी निजी स्कूल संचालक पैसा निकाल रहे है किंतु उसका लाभ गरीबों को नहीं देते हुए खुद ही लाभ ले रहे है। इस संबंध में ग्राम सोयला के एक ग्रामीण ने तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें रायपुरिया के निजी स्कूल संचालक द्वारा अभद्रव्यवहार का आरोप लगाया तथा उसके बच्चेको स्कूल में प्रवेश देने से इंकार किया।
सोयला निवासी मुकेश पिता हेमराज भूरिया ने तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा कि मेरा बेटा हर्शित जो कि 3 वर्ष 3 माह का होकर ग्राम रायपुरिया स्थित स्कूल जो कि प्राइवेट होकर वहां अपने पुत्र का एडमिशन करवाना चाहता हूं। तथा स्कूल का नाम श्रेयर्स स्कूल होकर वहां पर जब में एडमिशन के लिए गया तो वहां के प्राचार्य ने अभद्र व्यवहार किया और कहा कि तेरे पुत्र का एडमिशन हम नहीं कर सकते तथा हम रायपुरिया के बच्चों का एडमिशन ही करेगें। मेरे बच्चों को एडमिशन देने के लिए इसलिए मना कर रहे है क्योंकि वह बीपीएल में है और उन्हें उसे नियमों के अनुसार मुफ्त शिक्षा देना होगी। जिस कारण वे एडमिशन नहीं दे रहे है। इस संबंध में तहसीलदार ने प्राचार्य को निर्देश कर उचित कार्रवाई करने को कहा।

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