नागरिकों का विरोध कलेक्टर ने लगाई रोक बावजूद इसके निर्माण कार्य जारी

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
मनमाने ढंग से निर्माण कार्य करने की आदि नगर परिषद ने एक बार फिर से जनभावना के विरूद्ध मनमाने ढंग से स्थानीय नौगांवा नदी के तट पर मरघट की भूमि (शासन रेकार्ड में दर्ज) पर नवीन शमशान के निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। गौरतलब है कि प्रदेश शासन द्वारा स्थानीय निकाय को मुक्तिधाम के विकास के लिए पचास लाख रुपए की तकनीकी स्वीकृति दी गई है। लेकिन नगर परिषद के द्वारा इसके ठीक विपरीत मुक्तिधाम विकास की राशि का उपयोग बजाय पूर्व से स्थापित मुक्तिधाम के विकास में लगाने के नगर में एक नया मुक्तिधाम का निर्माण मनमाने ढंग से किया जा रहा है, जिसे मिलाकर नगर में कुल तीन मुक्तिधाम हो जाएंगे। गत दिनों प्रभारी मंत्री के हाथों हूए भूमिपूजन के बाद से नगर में मरघट की भूमि पर शमशान बनाने की परिषद की हठधर्मिता के विरूद्ध नगर की सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं, संगठनो के द्वारा व नागरिकों सहित 20 समाजों के प्रमुखों द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन कलेक्टर झाबुआ को दिया था जिसमें मांग की गई थी नौगांवा नदी पर जहां वर्तमान में मुक्तिधाम बना हुआ है जिसका स्वरूप जनसहयोग से निर्मित है जहां पर तार फेंसिंग से लेकर लकडी के लिए गोडाउन, शवदाह शेड, बैठक शेड बना हुआ है। वही पर मुक्तिधाम के लिये स्वीकृत राशि से पहुंच रोड से लेकर बाउड्रीवॉल, समतलीकरण, पेवर्स एंव हरियाली के साथ नदी के तट पर घाट का निर्माण किया जाए, लेकिन स्थानीय निकाय द्वारा स्थानीय खंड शिक्षा कार्यालय के पीछे स्थित मरघट की भूमि जहां पर मृत शिशुओं को समाधि दी जाती है जो शासन रेकार्ड में भी मरघट दर्ज है । उक्त भूमि पर नवीन मुक्तिधाम बनाया जा रहा है जो की नदी के तट से लगा हुआ है वर्षाकाल में उक्त स्थान पर पहुंचमार्ग जलमग्न रहता है वही उक्त स्थान पर भी बॉड का पानी आता है, जिसको लेकर नगर के सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों एंव प्रबुद्ध जन में आक्रोश व्याप्त है।
कलेक्टर का आदेेश हवा में
संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन पर कलेक्टर झाबुआ व्दारा तत्काल स्थानीय निकाय को मौखिक आदेश कार्य रोकने का दिया था तथा जनभावना के अनुरूप मुक्तिधाम विकास की राशि का उपयोग करने निर्देशित किया था लेकिन नगरिय निकाय द्वारा इसके विपरीत मरघट की भूमि पर शमशान बनाने के निर्णय पर अमल करते हुए निर्माण कार्य प्रारम्भ करवा दिया व कलेक्टर के आदेश को हवा में उडा दिया गया है।
समाधीयों पर चली जेसीबी नींव में निकली अस्थीयॉं
नगर परिषद के आदेश पर निर्माण एजेन्सी के द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया। इस दौरान बुधवार से मरघट पर मुक्तिधाम बनाने हेतु नींव खोदने का कार्य जेसीबी द्वारा किया गया प्रत्यक्षदर्शी मजदूर के अनुसार जेसीबी से समाधियों के ऊपर खुदाई की गई जिसमें समाधिस्थ बच्चों की अस्थियां भी निकली बावजूद इसके उस समाधी को छोडकर शेड जगह पर खुदाई की गई है। जेसीबी द्वारा मरघट पर भारी मात्रा में खुदाई की गई होकर बाउड्रीवाल के लिये करीब 50 गड्डे खोदे गए। मरघट पर मुक्तिधाम बनने से मृत शिशुओं की समाधी के लिये पृथक से भूमि की आवश्यकता होगी जो अन्य कही पर भी नहीं है।
जवाब जिम्मेदार का
हमारे पास कोई लिखित आदेश कार्य रोकने का नही आया है। निर्माण एजेन्सी द्वारा तय सीमा में कार्य पूर्ण करना है इसलिये निर्माण किया जा रहा है। भूमि आवंटन कलेक्टर झाबुआ द्वारा किया गया।
-शीतल जैन, सीएमओ
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष अक्षय भट्ट का कहना है कि विकास की राशि का उपयोग पूर्व से उपयोगी मुक्तिधाम पर ही होना चाहिये हमारे द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन कलेक्टर को दिया गया था जिस पर हमारे सामने निकाय को कार्य रोकने के निर्देशित किया था लेकिन कार्य मनमानी पूर्वक किया जा रहा है जो जनभावना के विपरीत है।
कलेक्टर स्वयं निरीक्षण करे-
पूरे मामले को लेकर नागरिकों में जबर्दस्त आक्रोश देखा जा रहा है शनिवार को नागरिकों ने इस प्रतिनिधि को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नगर में मुक्तिधाम के विकास के लिए शासन से पहली बार पैसा आया हे ऐसे में राशि का दुरुपयोग करने की बजाय सदुपयोग हो मुक्तिधाम विकास का पैसा पूर्व से उपयोग किये जा रहे मुक्तिधाम पर ही होना चाहिए, लेकिन निकाय द्वारा गैर-जिम्मेदाराना तरीके से कार्य किया जा रहा है कलेक्टर झाबुआ स्वयं आकर मौका देखे एवं निरीक्षण कर निर्णय लेवे अन्यथा धरना आन्दोलन किया जाएगा।
आशय परिवर्तन किसके आदेश से
उक्त पूरे मामले में मनमानी का आमल यह है कि सीएमओ द्वारा प्रतिनिधि को बताया गया कि भूमि आवंटन कलेक्टर झाबुआ द्वारा किया गया है जबकि मुक्तिधाम के लिये पूर्व से भूमि आवंटित है जो शासन रेकार्ड में दर्ज है तो फिर मरघट की भूमि पर शमशान निर्माण कर उसका आशय परिवर्तित किसके आदेश पर किया जा रहा है, जो कि राजस्व रेकार्ड में दर्ज है लेकिन स्थानीय राजस्व अमला भी मौन है, जबकि पूर्व से जहां पर मुक्तिधाम बना हुआ है वह भूमि शासन रिकॉर्ड में शमशान के नाम से दर्ज है ।

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