दुकान निर्माण में नगर परिषद ने किए लाखों खर्च, नहीं हो रहा उपयोग

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर परिषद पेटलावद कई स्थानों पर निर्माण कर भूल जाती है कि उस निर्माण की हुई जगह का उपयोग जनहित में करना है। ऐसा एक नहीं कई मामले है जिनमें स्लाटर हाउस, सब्जी मंडी और कांजी हाउस मुख्य रूप से शामिल है जिनका निर्माण हुए वर्षों हो गए है किंतु जिस कार्य के लिए निर्माण हुआ है उसमें आज तक उपयोग नहीं हो पाया है। जनता की कमाई के लाखों रूपए इन तीन स्थानों पर लगे है किंतु उपयोग के नाम पर शून्य है। स्लाटर हाउस के लिए नगर परिषद द्वारा 2 वर्ष पूर्व 14 लाख रूपए खर्च कर 12 दुकानों का निर्माण किया गया। दुकानें बन कर तैयार है किंतु उपयोग नहीं हो पा रहा है जिसके लिए दो वर्षों में सैकड़ों बार नागरिकों ने स्लाटर हाउस चालू करने के लिए आवेदन, ज्ञापन, निवेदन और यहां तक की कलेक्टर को शिकायत भी कर दी किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। नगर में मुख्य मार्गो व रहवासी क्षेत्र में मटन और मछली विक्रय की दुकाने लग रही है यहां तक की मटन विक्रय की कई दुकाने तो बिना लाइसेंस के ही चल रही है जिन पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। तेजाजी मंदिर के समीप ही दुकानें संचालित हो रही है जबकि नियमानुसार मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर मांस मटन की दुकाने होना चाहिए किंतु इस और भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नगर में मांस विक्रय के लिए मात्र 6 लोगों के पास लाइसेंस है किंतु दुकाने 15 से अधिक संचाति हो रही है। मांस की दुकाने मुख्य मार्ग राम मोहल्ला क्षेत्र में होने से इस और लोगों का निकलना भी मुश्किल भरा हो गया है। नागरिक लोकेश भंडारी, हरीश राठौड़ ने नगर परिषद से मांग की है कि स्लाटर हाउस में दुकानें स्थानांतरित कर नगर के मुख्य मार्ग को मांस मटन की दुकानों से मुक्त करें और नगर परिषद ने जो दुकानें बनाई है उनका उपयोग किया जाए। इस संबंध में नगर परिषद सीएमओ एलएस डोडिया से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा पूरी प्रक्रिया कर ली गई है एक या दो दिन में व्यवसायियों को नवीन दुकाने प्रदान कर दी जाएगी।

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