थांदला नगर परिषद ने बैराज निर्माण में किया जमकर भ्रष्टाचार

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thandla 1 thandla 2 thandla 4जांच के दौरान 220 की जगह 120 मीटर का किया जा रहा था निर्माण
झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
थांदला नगर परिषद जिसका नाम सुनते ही सिर्फ जहन मे आता है भ्रष्टाचार। क्योंकि इस परिषद एवं भ्रष्टाचार का चोली दामन का साथ रहा है और आज भी यह भ्रष्टाचार निरन्तर जारी है। जिले मे सिर्फ थांदला नगर परिषद ही ऐसी परिषद है जिसकी 14 करोड़ की बड़ी लागत से बनने वाली पेयजल योजना स्वीकृत हुई। परन्तु यह योजना भी नगर परिषद के भ्रष्टाचारों से अपने आप को बचा न सकी। पद्मावती नदी पर पेयजल योजना के अन्र्तगत बन रहे 7 करोड़ की लागत के बैराज में भी कई ऐसे भ्रष्टाचार उजागर हुए जो कि कार्यपालन यंत्री इन्दौर जीएन चौहान के द्वारा की गई आकस्मिक जांच के दौरान सामने आई। जांच के दौरान जो तथ्य सामने आये उनको देखकर आप भी अचंभीत रह जाएंगे कि इस हद तक भी भ्रष्टाचार किये जा सकते है। बैराज की लम्बाई एवं चौड़ाई दिये गये स्टीमेट से लगभग आधी पायी गयी। जिसमे 220 मीटर लम्बाई का बैराज बनना था जबकि वह मात्र 120 मीटर का ही बना था । इसके अलावा चौड़ाई एवं ऊंचाई भी कम पायी गयी। निर्माण मे उपयोग किये जाने वाली सीमेंट की गुणवत्ता मे भी दोष पाया गया जिसे जांच के लिये भेजा गया। उपयोग किये जाने वाले सरियें मामूली बारिश मे ही मुड़ गया। जितने एमएम के सरिये उपयोग किये जाना था उनमे भी खामी पायी गई। जिन्हें भी जांच के लिये जाचं दल द्वारा ले जाया गया। कुल मिलाकर अगर इस निर्माण कार्य की अगर गहराई से जांच हो तो शायद कई अन्य तथ्य भी सामने आ सकते है जिससे नगर परिषद के अन्य भ्रष्टाचार भी उजागर हो सकते है। जिस लम्बाई-चौड़ाई में बैराज का निर्माण किया जा रहा है उसके मुताबिक लागत भी एस्टीमेट से आधी होगी एवं बचा हुआ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
आन्दोलन कर रोकना होगा भ्रष्टाचार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नगर की पेयजल समस्या के समाधान हेतु जो सौगात थांदला नगर को दी थी वो कही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर अभिशाप न बन जाये और नगर कि पेयजल समस्या ज्यो की त्यो न रह जाये इस लिये नगरवासियों को चाहिए कि वह आन्दोलन कर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाये ताकि बैखोफ भ्रष्टाचार कर रही इस परिषद पर लगाम कसी जा सके।
जिम्मेदारों की सुनो-
निर्माणाधीन बैराज का काम ठीक नहीं चल रहा है। लम्बाई-चौड़ाई भी एस्टीमेट अनुसार नहीं है। सीमेंट व सरियों के सेम्पल भी जांच हेतु भेजे गये है, जिनकी रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
                       -जीएन चौहान, कार्यपालन यंत्री इन्दौर संभाग
कार्यपालन यंत्री एवं उनकी टीम द्वारा बैराज की जांच की गई एवं ट्यूब टेस्ट हेतु सेम्पल ले जाए गए है। – शीतल जैन, प्रभारी सीएमओ

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