तानाशाहीपूर्ण रवैये से क्षुब्ध पंचायत प्रतिनिधि मुख्यमंत्री-पंचायत मंत्री को सौंपेंगे इस्तीफे

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झाबुआ लाइव डेस्क।
मप्र सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये को लेकर जिले के जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों में तीव्र आक्रोश है। इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया का कहना है कि सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को समय-समय पर राशि जारी नहीं की जा रहीं है, जिससे वे क्षेत्र एवं गांव का विकास करने में असक्षम साबित हो रहे है। विरोध स्वरूप जिले के सभी पंचायत प्रतिनिधि अतिशीघ्र मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। भूरिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इन दिनों तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाया हुआ है। वह स्वयं तो विकास के कार्य नहीं कर रहीं है और न ही दूसरे को करने दे रहीं रहीं है। जिले के पंचायत प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्र एवं गांवों का विकास करने के लिए शासन से जो राशि प्राप्त होती है, वह समय-समय पर प्राप्त नहीं हो रहीं है। ऊंट के मुंह में जीरे के समान राशि प्रदाय की जा रहीं है। जिससे क्षेत्र एवं गांव का विकास करने में उक्त जनप्रतिनिधियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। जिपं अध्यक्ष ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को लेकर भी अपना विरोध जताया है।
बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
s-36-619-36619-xlargeजिपं अध्यक्ष भूरिया के साथ जिपं सदस्यगण रूपसिंह डामोर, गेंदाल डामोर, शांति शारदा डामोर, मालू अकमालसिंह, देवली श्यामा ताहेड़, जनपद पंचायत अध्यक्ष गीता शंकरसिंह भूरिया, जनपद सदस्य नीता हेमचंद डामोर, सरपंच काना गुंडिया, गिरीश निनामा, रमेश मेड़ा आदि ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि सरकार के उक्त तानाषहीपूर्ण रवैये को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी के चलते जिले के सभी जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत प्रतिनिधि अतिशीघ्र मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और सरकार के समक्ष अपना विरोध प्रकट करेंगे।

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