तरबूज की खेती कर किसान ने की लाखों रुपए की आमदनी

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झाबुआ लाइव के लिए पारा से राज सरतालिया की रिपोर्ट-
जिले का पारा क्षेत्र सिंचाई सुविधाओं से भरपूर है फिर भी यहां के किसान अभी तक परंपरागत खेती करने में ही व्यस्त रहते हैंऔर इसमें भी रबी की फसलों में तो कृषक अच्छी पैदावार ले लेते हैं लेकिन खरीफ की फसल हर वर्ष अवर्षा, अल्पवर्षा, खंडित वर्षा और अधिक वर्षा से मारी जाती है। ऐसे में किसान के लिए आजीविका चलाना मुश्किल हो जाता है और तभी वो पलायन का रास्ता चुनता है। इन बातों के बीच अगर कृषकों को परंपरागत खेती के साथ आधुनिक खेती की ओर मोड़ा जाय तो निश्चित रुप से उन्हें काफी राहत मिलेगी। पारा के ग्राम छोटी बलोला में कृषक कलमसिंह बुधा डोडवा ने क्षेत्र में पहली बार अपनी आय को बढ़ाने के लिए तरबूज की खेती कर कुछ नया करने की हिम्मत दिखाई। इस किसान को इस आधुनिक खेती के लिए पारा के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पुरुषोत्तम सेन से प्रेरणा मिली और परिणाम स्वारुप दो माह पूर्व बोये गए बीज आज तरबुज के रुप में खेत भर कर हो गए हैं। यह कृषक दो माह पूर्व राजगढ़ से एक किलो तरबुज के बीज सात हजार रुपये में खरीद कर लाया था। जिनकी पुरुषोत्तम सेन की सलाह से एक एकड़ जमीन में बुआई की। टपक सिंचाई पद्धती से सिंचाई कर आज इस किसान के खेत में छोटे से बड़े करीब 60 क्विंटल तरबूजों का उत्पादन होकर बिक्री को तैयार है। इस किसान ने अपने घर पर गोबर गैस संयत्र भी लगा रखा है जिससे निकलने वाली देशी खाद का उपयोग इसी तरबूज की खेती में किया। पिछले वर्ष ही कलमसिंह डोडवा के यहां कृषि विभाग ने 80 प्रतिशत अनुदान पर टपक सिंचाई योजना लागू की थी। उस समय भी भिंडी बोकर इस किसान ने अच्छी कमाई थी।
एक लाख की होगी आमदनी
बलोला के इस किसान ने एक एकड़ में सात हजार के एक किलो तरबुज के बीच लगाए थेऔर इसमें गोबर खाद का उपयोग करते करीब 60 क्विंटल तरबुज का उत्पादन लिया। जिसकी वर्तमान भाव से कीमत प्रति किलो 20 रु भी आंकी जाय तो एक लाख बीस हजार की कुल आय होगी। इसमें बीज, मजदूरी एवं अन्य खर्च काटने के उपरांत करीब 1 लाख की मुल आमदनी होगी।

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