टमाटर के भाव डाउन, परेशान किसान खेतों से नहीं तोड़ रहे टमाटर

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
फसलों ने किसानों का साथ दिया तो मंडी के भाव ने किसानों का साथ छोड़ दिया। इस समस्या से किसानों को हर बार जूझना पड़ता है जब मंडी में भाव होते है तो माल नहीं होता है और जब माल होता है तो भाव नहीं होते हैं। टमाटर के भाव नहीं मिल रहे है किसान टमाटर को तोडऩे को तैयार नहीं है। टमाटर खेत में ही पक रहे है और अपने आप पौधे से गिर रहे है। भाव इतने कम है कि किसान को तोड़कर मंडी भेजने में नुकसान हो रहा है। टमाटर की भरपूर आवक है, जिस कारण टमाटर के भाव कम मिल रहे है, जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। टमाटर के लगातार भाव कम ज्यादा होते रहते है, जिस कारण हर दिन भाव परिवर्तित होते रहते हैं, जिसका निर्धारण मंडी में होता है, किसान केवल अपने टमाटर मंडी तक पहुंचा देता है।
120 रुपए में एक कैरट मिल रहे टमाटर
किसानों की मांग है कि टमाटर का भाव कम से कम 200 रूपए प्रति केरेट हो तो हमें नुकसान नहीं होगा, किन्तु इस समय टमाटर का भाव मात्र 120 रूपए से 180 रूपए तक ही मिल पा रहा है, जिस कारण किसानों को कम फायदा हो रहा है, यहां तक की कभी कभी तो कुछ भी नहीं मिल पाता है। इस कारण किसान टमाटर की भरपूर आवक होने के बाद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। दूसरी और इस समय पेटलावद क्षेत्र से प्रतिदिन 40 से अधिक ट्रक माल ले कर दिल्ली मंडी जा रही है। आवक भरपूर है किन्तु भाव नहीं मिल पा रहे हैं। किसानों के साथ हमेशा यही समस्या रहती है, जिस वस्तु का उत्पादन अधिक करते है उसका भाव कम मिलता है, जिस कारण वे लाभ नहीं ले पाते है।

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