जिला स्तरीय किशोरी सम्मेलन में बोले एसपी-कलेक्टर 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह नहीं करे

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कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित किशोरी बालिकाएं।

झाबुआ। स्थानीय डीआरपी लाईन स्थित पुलिस सामुदायिक भवन में जिला स्तरीय किशोरी बालिका संसद का आयोजन सोमवार को हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर आशीष सक्सेना एव पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन उपस्थित थे। इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा से आरती भानपुरिया और वरिष्ठ भाजपा नेता ओमप्रकाश शर्मा उपस्थित थे। अध्यक्षता जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी आरएस जमरा ने की।
कार्यक्रम में प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी जमरा ने कहा कि आज यह आयोजन किशोरी बालिकाओं के लिए किया गया है, इसलिए आप यहां बताई जा रहीं बातों को गंभीरता से सुने। उन्होंने बताया कि किशोरी अवस्था वह उम्र होती है, जिसमें लडक़ी को बहुत संभलकर चलना पड़ता है। इस अवस्था में आपके साथ किसी भी तरह की घटना हो सकती है, इसलिए इस उम्र में आपको आवश्यक मार्गदर्शन एवं परामर्श की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बेटी देश की बेशकीमती धरोहर है तथा आने वाले समय में एक बेटी अच्छी मां, अच्छी ग्रहणी एवं अच्छी अधिकारी बन सकती है, इसलिए आप सभी को 18 वर्ष की उम्र तक तो केवल पढ़ाई करना ही लक्ष्य रखना है। भाजपा नेता ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा बेटियों के भविष्य निर्माण एवं उन्हें हरसंभव सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है, आप इसका अधिकाधिक लाभ ले और अपने जीवन को खुशहाल बनाए।
18 वर्ष से कम उम्र में शादी नहीं करने का दिलवाया संकल्प
एसपी महेशचंद्र जैन ने बाल विवाह पर जोर देते हुए कहा कि आपको किसी भी हालत में बाल विवाह नहीं करना है। यदि आपके परिवारजन इसके लिए आप पर जबरन दबाव बनाते है, तो आप इसकी सूचना हमे दीजिए, हम उन्हें समझाइश देने का कार्य करेंगे, फिर भी यदि जर्बदस्ती करते है, तो फिर संबंधित पर कार्रवाई भी की जाएगी। आपको पहले पढ़ाई पूरी करना है और पूरी तरह से समक्ष होने के बाद ही विवाह करना है। इस अवसर पर उन्होंने सदन में उपस्थित जिलेभर से आई बालिकाओं को 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह न करने का संकल्प भी दिलवाया।
बाल विवाह और दहेज पर रोक लगाएं
कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि बाल विवाह इस जिले में एक कुप्रथा की तरह विद्यमान है, इसे जड़ से मिटाने सभी के संयुक्त प्रयास की आवष्यकता है। आप जिलेभर से उपस्थित बालिकाएं अपने गांवों में जाकर नेता के रूप में कार्य करते हुए बाल विवाह पर रोक लगाने हेतु जागरूकता लाए एवं दहेज पर भी पूर्णत: प्रतिबंध हो, ऐसी पहल करे। यदि गांवों में बाल विवाह नहीं होंगे और दहेज प्रथा पर पूर्णत: रोक लग जाएगी, तो गांव भी खुशहाल और समृद्ध बनेगा तथा आप भी स्वस्थ रहेंगे। इस अवसर पर जिला महिला सशक्तिरण अधिकारी आरएस बघेल, महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी सहित पूरे जिलेभर से सैकड़ों की संख्या में किशोरी, बालिकाएं एवं महिलााएं उपस्थित थी। संसद का संचालन समाजसेवी निवेदिता सक्सेना ने किया एवं अंत में आभार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अरूणकुमार शर्मा ने माना।

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