झाबुआ लाइव के लिए झाबुआ से अबदुल वली पठान की रिपोर्ट
शासन के निर्देशानुसार प्रति मंगलवार की तरह इस मंगलवार को भी जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टोरेट कार्यालय में किया गया। कलेक्टोरेट में शिकायते संयुक्त कलेक्टर एवं एसडीएम सैयद अली ने सुनी। जनसुनवाई में न के बराबर ही भीड़ रहीं। एक आवेदन ग्राम पंचायत पिपलिया के ग्राम रूणखेड़ा के ग्रामीणो द्वारा दिया गया। जिसमंे ग्राम पंचायत के सिलिकोसिस पीड़ित ग्रामीणों को पेंशन स्वीकृत किए जाने की मांग की गई।ग्राम रूणखेड़ा के ग्रामीण दिनेश रायसिंह, खेमराज, कालिया, बिजला सहित महिला मंजु, जाबुड़ी, सनु, रसा आदि ने जनसुनवाई में आवेदन देकर बताया कि ग्राम पंचायत में करीब दो दर्जन ग्रामीण सिलिकोसिस से पीड़ित है। उक्त लोगो को वर्तमान में बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद पेंशन नहंी मिल रहीं है। पीड़ितो की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। इस कारण वे अपना सही उपचार नहीं करवा पा रहे हैं। पारिवारिक समस्याओ से भी जूझना पड़ रहा है।
पेंशन स्वीकृत करने की मांग
आवेदन में आगे बताया गया कि शासन की योजना अंतर्गत सिलिकोसिस से पीड़ित होने पर पेंशन की पात्रता आती है। आवेदन में ग्राम पंचायत के इस बीमारी से पीड़ित सभी ग्रामीणो केा पेंशन स्वीकृत करने की मांग की गई। आवेदन देने बड़ी संख्या में गांव के महिला-पुरूष कलेक्टोरेट पहुंचे।
है सिलिकोसिस का प्रकोप
एक ग्राम पंचायत में 24 ग्रामीणो का सिलिकोसिस से पीड़ित होना, इस बीमारी के तेजी से बढ़ते प्रकोप को बयां करता है। जिले से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या मंे ग्रामीणजन पलायन हेतु गुजरात एवं राजस्थान राज्य के विभिन्न शहरो में जाते है और वहां सीमेंट एवं अन्य फैक्ट्रियो मंे कार्य कर सिलिकोसिस जैसी भयावह बिमारी का शिकार हो जाते है। इस मामले में न तो कंेद्र सरकार और न ही राज्य सरकार तथा न ही जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाए गए है। ग्रामीणो का निरंतर होता पलायन सरकारी योजनाओ की पोल खोल रहा है एवं विभाग लेवल पर अधिकारियो के सतत भ्रष्टाचार को भी उजागर करता है।