झाबुआ आजतक डेस्क ॥ झाबुआ जिले के रायपुरिया थाने की “झकनावदा” पुलिस चोकी पर गुरुवार को एक अलग ही नाटक देखने को मिला..जिस जिले की एसपी “लेडी सिंघम” मानी जाती है उसी जिले की पुलिस चोकी झकनावदा पर गुरुवार को जिला बदर रह चुके एक गुंडे को जो अब भी पुलिस की गुंडा लिस्ट में शामिल है उसने पुलिस के आरक्षक “आइ एस यादव” के साथ उस समय गाली गलोच ओर बदसलुकी की जब वह शाशकीय काम से कही जा रहे थे इस बदतमीजी के बाद आइ एस यादव अपनी झकनावदा पुलिस चोकी पर आ गये लेकिन गुंडे “रतनलाल राठोड” ने चोकी पर पहुँचकर फिर से गालियो ओर पत्थरों की बरसात कर दी लेकिन डरी सहमी पुलिस कुछ ना कर सकी..घटना की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी गयी तब भी घटना के 40 घंटे बाद गुंडे रतनलाल राठोड के खिलाफ मारपीट, रास्ता रोकने..गाली गलोच करने ओर शाशकीय काय॔ मे बाधा डालने के आरोप मे एफआईआर दर्ज की गई ।
बडा सवाल–किसका संरक्षण है गुंडे को – झकनावदा मे हुई इस घटना के बाद यह बात समझ में आ गयी कि गुंडे को किसी दल ओर नेता विशेष का संरक्षण प्राप्त है तभी इतना दुस्साहस उसने किया ओर पुलिस 40 घंटे बाद उस पर एफआईआर कर पायी..इस घटनाक्रम के बाद इलाके में चर्चा है कि झकनावदा ओर रायपुरिया पुलिस को सिंघम ओर गंगाजल जैसी फिल्म देखने की जरुरत है ओर पोस्टिग का मोह छोडने की भी ..तभी जनता में भरोसा जगा पायेगे वरना इ घटना से तो यह संदेश चला गया कि इलाके की पुलिस दंबगों ओर गुंडो के आगे पंगु है ।