चारणकोटड़ा व भील कोटड़ा में हो रहा रेत का अवैध खनन

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झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट-
प्रदेश के मुखिया नदियों को बचाने के लिए यात्रा निका रहे है और नदियों में अवैध खनन रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे रहे है और विधानसभा सत्र में कई विधायक अवैध खनन का मामला उठाते है, परंतु फिर भी अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब अवैध खनन माफियाओं की नजर आदिवासी अंचल की प्रमुख आस्था का केन्द्र मानी जाने वाली माही नदी पर नजर पड़ चुकी है। धार झाबुआ के जिले की सीमा स्थित चारणाकेटड़ा और भील कोटड़ा में माही नदी पर अवैध रेत माफिया बड़ी संख्या में रेत के ट्रैक्टर भर कर ले जा रहे है अैार रेत का अवैध उत्खनन कर रहे है।
धड़ल्ले से जा रहे है रेत से भरे ट्रैक्टर-
माही नदी से अवैध खनन कर रेत माफिया बड़ी संख्या में रेत ट्रैक्टरों में भरकर झकनावदा व रायपुरिया, बोलासा, उमरकोट, तारखेड़ी समेत सीमावर्ती जिले के करीब तीन दर्जन गांवों में रोजाना अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर जा रहे है जिससे माही नदी खोखली होती जा रही है।
शासन को लग रहा लाखों का चूना-
माही नदी में रेत खनन के लिए कोई ठेका नहीं है और नहीं कोई रॉयल्टी ली जा रही है। बड़ी मात्रा में हो रहे अवैध खनन से शासन को हजारों रुपए प्रतिदिन का चूना लगाया जा रहा है। परन्तु खनिज विभाग मौन क्यो है? यह बड़ा सवाल है। सूत्रों की मानें तो माही नदी में अवैध खनन एक विभाग से जुड़ा कर्मचारी करवा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन अवैध रेत माफिया के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है।
क्या कहते है जिम्मेदार-
हमने तत्काल पटवारी को मौके पर भेजा है जैसे टै्रक्टर मिलते है। राजसात की कार्रवाई की जाएगी, और टै्रक्टर मालिक पर भी एफआइआर की जाएगी। अवैध खनन किसी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
-सीएस सोलंकी, एसडीएम पेटलावद
प्रदेश सरकार के सरक्षण में माही नदी को अवैध रेत माफिया खोखली कर रहे है। अगर अवैध खनन नहीं रोका गया तो आन्दोलन करेंगे।
– राजेश कासवा सांसद प्रतिनिधि

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