झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेन्द्र बरमंडलिया व दशरथ कटठा की रिपोर्ट
मप्र शासन द्वारा प्रत्येक शासकीय व अशासकीय शालाओं में शोचालय निर्माण के आदेश जारी किए गए है जिसके तहत शासकीय शालाओ के मुख्याओ द्वारा जिन शोचालयो को निर्माण किया जा रहा है वह देखने लायक है। निर्माण में काली रेत सहित अन्य घटिया किस्म की निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और बची राशि अपनी जेबो में। विकासखंड में पूर्व में बनी शोचालयो पर एक निगाह डाले तो उनकी हालत बद से बदतर हो चुकी है। कही कही शोचालयो की छत से प्लास्टर उखड़ चुका है और सरिये साफ दिखाई दे रही है तो कही शोचालयो में दरवाजे भी टूट चुके है। वही शिक्षा विभाग के आला अधिकारियांे की इस ओर बेरूखी कुछ और ही इशारा कर रही है या तो इन अधिकारियों को उक्त संबंध में पूरी जानकारी नहीं है या जानकारी होते हुए अंजान बने हुए है जिसके चलते उक्त घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। उक्त संबंध में पड़ताल की गई तो प्राथमिक विद्यालय झाराडाबर, माध्यमिक विद्यालय डूंडका, माध्यमिक विद्यालय नाहरपुरा बड़ा की शोचालयो के हाल बदतर हैं। मेघनगर विकासखंड के यह तो तीन शालाएं ही है इसके अलावा भी ओर कई शालाए है जिनमें शिक्षक व आला अधिकारियों की मिली भगत के चलते घटिया शोचालयो का निर्माण कर शासन को अच्छा खासा चूना लगा रहे है।
क्या कहते है जिम्मेदार –
मैं अभी दिखवाता हूूं और साइड इंजीयिनर को बोलता हू।
– निर्मल त्रिपाठी, बीआरसी मेघनगर