झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
विकासखंड की ग्राम पंचायत गुवाली में स्वच्छता अभियान के तहत प्रधानमंत्री की मंशानुसार हर घर में शौचालय का निर्माण कर खुले से शौच मुक्त भारत का निर्माण करना है, परंतु भ्रष्ट आला अधिकारियों के साथ मिलकर ठेकेदार इस बहुआयामी एवं जन कल्याणकारी योजना को जमीन स्तर पर जमकर पलीता लगा रहे हैं। ग्राम गुवाली में शौचालयों का निर्माण तो हो रहा है पर शासन के निर्धारित मापदंड अनुसार नहीं बल्कि ठेकेदार की मंशानुसार ही सभी निर्माण कार्य चल रहे हैं, जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि इसके निर्माण को स्वयं हितग्राही को ही बनाना है और सरकार द्वारा भुगतान भी हितग्राही के खाते में जमा होना है। अधिकारियों द्वारा सरपंच एवं सचिवों पर दबाव बनाया जा रहा है कि कैसे भी बनाओ, किसी के माध्यम से से भी बनाओ किन्तु जल्दी बनवाओ। गौरतलब है कि ऐसी हड़बड़ी में कई शौचालयों का निर्माण खेतों के बीच ही कर दिया गया। अधिकारी अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बिना मानक का शौचालय तैयार करवा रहे हैं।
कलेक्टर के निर्देश है कि वॉश बेसीन की तहत शौचालय के निकट एक महिला स्नान कर सके इतने पर्याप्त जगह में बाथरूम बनाया जाए किन्तु जिस तरह से बनना चाहिए वैसे नहीं बन कर थोडी सी जगह जिसमे एक महिला स्नान भी नही कर सकें ऐसा निर्माण कार्य जल्दबाजी मे करवा रहे हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि घटिया निर्माण का कार्य हितग्राही नहीं ठेकेदार द्वारा बनवाया जा रहा है ठेकेदार मजदूरी भी हितग्राही से करवा रहे हैं। मजदूरी का रुपया भी नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि कुछ ऐसे ठेकेदार जिले शौचालयों निर्माण कार्य में जुट गए हैं जिनके पास अनुभव तक नहीं है सिर्फ शौचालयों निर्माण कार्य में शासन को पलीता लगाकर लाखों रुपए कमाना उन्होंने लक्ष्य बनाकर जमकर जिलेभर में घटिया क्वालिटी के शौचालय बना दिए हैं, जिनका अब उपयोग ग्रामीण नहीं कर पा रहे हैं। वही ग्रामीणों का कहना है जो बाथरूम बनाए जा रहे हैं वे इतने छोटे है कि उसमें कैसे स्नान किया जाए व कैसे वस्त्रों को बदला जाए।