ग्राम पंचायत की उदासीनता से फरवरी माह में ही पानी को तरसे रहवासी

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झाबुआ लाइव के लिए कल्याणपुरा से गगन पंचाल की रिपोर्ट-
जनवरी माह से कल्याणपुरा में जलसंकट गहराया हुआ है। ग्रामीणों की ज्वलंत समस्या से ग्राम पंचायत को कोई लेना-देना नहीं है। जब ग्राम पंचायत पर पूछा जाता है कि पेयजल क्यों सप्लाई नहीं हो रहा है तो रटा रटाया जवाब मिलता है कि बोरिंग में पानी नहीं है। गौरतलब है कि एक सप्ताह में एक बार ग्राम में पेयजल सप्लाई किया जाता है। मजबूरन ग्रामीणों को निजी टैंकरों 30 रुपए प्रति ड्रम के मान से प्रतिदिन पानी खरीदना पड़ रहा है। विडंबना यह है कि नगर में करीब चालीस हैंडपम्प है उनमें से आधे बंद पड़े है किसी में पाइप बढ़ाने की जरूरत है तो किसी हैंडपंप की पूरी लाइन बदलने की जरूरत है लेकिन ग्राम पंचायत का क्षेत्र में फरवरी माह से ज्वलंत हो चुकी पेयजल सप्लाई से कोई वास्ता नहीं है। ग्राम में कई ऐसे हैंडपंप भी है जिनमें से मटमैला पानी निकल रहा है जो बीमारियों को न्योता दे रहा है लेकिन उसे भी ठीक करने में ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अपनी दिलचस्पी लेते नजर नहीं आ रहे हैं। इस संबंध में सरपंच-सचिव का कहना है कि हैंडपंप सुधार का कार्य हमारा नहीं है उसके लिए शासन ने सुभाष माथुर को ठेका दे रखा है, तो ग्राम में हैंडपंप रिपेयरिंग करने की जवाबदारी उसकी बनती है। इस तरह की बयानबाजी कर जिम्मेदार अपने कर्तव्य से मुंह मोड़ रहे हैं, तो ग्राम पंचायत कल्याणपुरा में पेयजल के माकूल प्रबंधन नहीं किए जाने से ग्रामवासियों को पानी प्रतिदिन खरीदकर अपनी पूर्ति करनी पड़ रही है, जो लोग सक्षम है वह तो पानी खरीद रहे हैं लेकिन उनका भी कहना है कि प्रतिदिन 100 रुपए का पानी खरीदेंगे तो तीन हजार रुपए महीना पानी में ही चला जाएगा और यह सिलसिला पूरी गरमी के साथ जुलाई माह तक चलेगा, जब तक वे हजारों रुपए पानी में बर्बाद कर देंगे। वहीं सुबह से शाम तक ग्रामीण हैंडपंपों पर पानी जुटाने में अपना समय व्यतीत करते देखे जा रहे हैं, लेकिन इन सबके लिए जिम्मेदार ग्राम पंचायत का अमला ग्रामीणों की ज्वलंत समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। जब ठेकेदार सुभाष माथुर से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि पाइप लाइन नहीं है जैसे ही आएंगे तो हम कल्याणपुरा के सभी हैंडपंपों को दुुरुस्त कर देंगे।

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