गुमराह करने वालों को मिली सजा

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
मुन्ना भाई एमबीबीएस की तर्ज पर जिस तरह मुन्ना भाई ने अपनी परीक्षा किसी ओर से दिलवा कर खुद डिग्री प्राप्त कर ली उसी तर्ज पर थांदला न्यायालय में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें भाई ने अपने भाई द्वारा किए गए अपराधों के लिए खुद अपने को अपराधी का नाम देकर अपराध कबूला और जेल भी चला गया। माननीय थांदला न्यायालय के न्यायायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायाधीश आरएस मडिया के समक्ष ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया जिसमें जोगी सुकीया ने 376 आईपी का अपराध किया था परन्तु आरोपी जोगी तो फरार हो गया परन्तु उसका छोटा भाई अपराधी के रूप में अपने भाई की जगह पुलिस के समक्ष उपस्थित हो गया। जोगी फरारी काटता रहा और मेगु जोगी बनकर उसकी जगह सजा यहां तक कि जमानत का आवेदन भी जोगी के नाम से ही पेश किया गया। बाद में अतिगोपनीय सूत्रों से पता चला कि जो व्यक्ति जोगी के नाम से जेल मे सजा काट रहा है वह जोगी नही उसका भाई मेगु है। तब पुलिस हरकत में आई और उसने 419, 420, 177, 120 भादवि के तहत मेगु सहीत जोगी, बसु, खुशाल, सामा, नाहरसिंग तथा पप्पू के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर न्यायालय के समक्ष चालान पेश किया गया, जहां न्यायाधीश द्वारा आरोपियों को दो-दो वर्ष का सक्षम कारावास व 500-500 रुपए का अर्थदंड लगाया गया तथा धारा 177 भादवि में छह-छह माह का साधारण कारावास एवं अर्थदंड लगाया गया एवं 20 बी में तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास से दंडित किया गया। शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी इंदिरा चौहान द्वारा की गई, विवेचना थांदला थाना प्रभारी एसएस बघेल ने की।

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