गायत्री शक्तिपीठ पर हुआ सर्वपितृ अमावस्या पर अनुष्ठान

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सामूहिक तर्पण व पिंडदान करते समाजजन
सामूहिक तर्पण व पिंडदान करते समाजजन

झाबुआ डेस्क। सोमवार को सर्वपितृ अमावस्या एवं सोमवती अमावस्या के पावन संयोग पर नगर के कालेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ एवं बसंत कालोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर सामूहिक पितृ तर्पण का आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा किया गया। कालेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर पण्डित घनष्याम बैेरागी द्वारा शात्रोक्त विधि से पिंडदान एवं तर्पण क्रियाएं सम्पन्न करवाई गई। सर्वपितृ अमावस्या पर पितरगणों के श्राद्ध पिंडदान एवं जलाजंलि अर्पण का विशेष महत्व होकर इससे सभी पितरो को अपने पुत्र-पौत्रादि से पिंडदान एवं तर्पण से संतुष्टि प्राप्त होती है औ र उनकी कृपा दृष्टि सदैव सुख समृद्धि शांति प्रदान करती है। शक्तिपीठ पर करीब 100 से अधिक लोगो ने प्रातः 7 बजे से साढे 9 बजे तक आयोजित सामूहिक पितृ तर्पण अनुष्ठान में भाग लिया। सोमवती अमावस्या एवं सर्वपितृ अमावस्या के संयोग पर आयोजित इस कार्यक्रम में तर्पण क्रियाओं में दीव्यतीर्थ तर्पण, दीव्य मनुष्य तर्पण, देव तर्पण, ऋषि तर्पण, यम तर्पण सहित विभिन्न तर्पण वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न करवाये गए। वही पितरो को पिंडदान एवं जलाजंलि अर्पित करवाई गई। इस कार्यक्रम मे नलीनी बैरागी, के के शर्मा, मोहनसिंह मुजाल्दा, प्रकाश डावर, सुरेश निगम, जमुना सांकला, देवडा, किरण निगम, कृष्णा बहन, लीली मुजाल्दा आदि का सराहनीय सहयोग मिला।ं पिण्डदान एवं तर्पण क्रियाओं के पश्चात पितरों की स्मृति में आयोजित यज्ञ में प्रत्येक यजमान द्वारा तीन-तीन आहूतिया प्रदान की गई।
जलाजंलि अर्पण का हुआ अनुष्ठान
स्थानीय बसंत कालोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर भी सोमवती अमावस्या एवं सर्वपितृ अमावस्या के सुखद संयोग पर पितृ तर्पण जिसमें दीव्यतीर्थ, दीव्य मनुष्य देव तर्पण ऋषि तर्पण, यम तर्पण पिंडदाल जलाजंलि अर्पण का अनुष्ठान विनोद जायसवाल एवं शंभुसिंह पुरोहित द्वोरा विधि विधान से वेदोक्त मत्रोच्चार के साथ सम्पन्न करवाया गया। 3 दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं ने सामुहिक पितृ तर्पण कार्यक्रम में भाग लेकर विधि विधान से सामूहिक तर्पण कार्यक्रम में पिण्डदान एवं जलाजंलि अर्पित कर अपने पितरो के प्रति श्रद्धा अर्पित की। कार्यक्रम में पुरूष्-महिलाओं ने भाग लेकर अनुष्ठान क्रियाये सम्पन्न की। इस अवसर पर गायत्री परिवार द्वारा पेटलावद त्रासदी में मारे गए लोगो की आत्मीय शंति के लिए भी पिंडदान एवं तर्पण का आयोजन रखा गया। कार्यक्रम को सफल बनाने मे अरूण अरोडा, श्याम त्रिवेदी, प्रशांत मलिक का सराहनीय सहयोग रहा।

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