खेतों में काम करते बच्चे।स्कूल टाइम में खेलकूद में व्यस्त बच्चे।
झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
एक ओर प्रदेश की सरकार गांव-गांव में स्कूल खुलवाकर अपनी पीठ थपथपा रही है। ऐसे में झाबुआ जिले के ग्रामीण इलाको की सुध लेने वाला कोई नहीं। मामला मेघनगर विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत के ग्राम पावागोई बड़ी के शासकीय माध्यमिक विद्यालय का है जहां गणतंत्र दिवस को झंडावंदन हुआ उसके बाद से आज तक न तो यहां शिक्षक पहुंचे और न ही स्कूल खुली। जब यहां की स्कूल का जायजा लिया गया तो पाया कि स्कूल में ताला लगा है और बच्चे स्कूलों के बाहर खेलते मिले, वहीं कुछ ग्रामीण बच्चे अपने मवेशी चराने में स्कूल के समय मशगुल मिले। यही नहीं स्कूली बच्चे इस दौरान स्कूल बंद होने पर अपने खेतों में काम करते नजर ओ। ऐसे में जब मिडिया कर्मी वहा पहुचे तो बच्चे जेसे खड़े थे वेसे ही आकर खड़े हो गए। जब मीडिया कर्मियों ने पूछा तो उन्होंने बताया की विगत कई दिनों से शिक्षक नहीं आ रहे है ऐसे में हम रोज स्कूल आते जरुर है मगर ताला लगा देख चले जाते है। ऐसे में इन नौनिहाल बच्चों का कॅरियर किस ओर रुख कर रहा है, आसानी से समझा जा सकता है। सरकार ने गांवों में स्कूल तो बना दिए लेकिन मॉनिटिरिंग नहीं होने के चलते शिक्षक स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं और नतीजा ग्रामीण स्कूली बच्चे शिक्षा से वंचित है। ऐसे में ग्रामीण मनु डांगी पारगी का कहना है की 15 दिन से स्कूल बंद है ऐसे में बच्चो की पढ़ाई भी बर्बाद हो रही है तथा सरकारी शिक्षक की मांग की गई ताकि हमारे बच्चों को शिक्षा मिल सके। वही ग्रामीण रसिया का कहना है कि सरकारी शिक्षक की नियुक्ति नही होने की वजह से इस स्कूल की यह हालत है। जिम्मेदार बोल- आपने जानकारी दी है तो मैं चेक करवाता हूं, स्कूल में शिक्षक नहीं है तो जल्द ही व्यवस्था की जाएगी और बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। – बीएन शर्मा, बीईओ मेघनगर – आज सबको नोटिस जारी किया है तथा उचित कार्रवाई की जाएगी। डीके उपाध्याय, संकुल प्राचार्य -मुझे जानकारी प्राप्त हुई है संबन्धित अधिकारी से चर्चा कर शिक्षक की व्यवस्था करवाता हूं। निर्मल त्रिपाठी, बीआरसी मेघनगर