खस्ताहाल पुलियों से जूझ रहे ग्रामीणवासी

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इस तरह रपट में डाले गए पाइप लाइन
इस तरह रपट में डाले गए पाइप लाइन

झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट-
झाबुआ-धार-रतलाम जिले में सिंचाई परियोजना हेतु झाबुआ-धार जिले में स्थित माही नदी पर माही डेम का निर्माण करवाया, जिससे अंचल के तीन जिलों में सिंचाई और पेयजल के लिए दूर-दूर तक इस परियोजना का पानी पहुंचाया जा रहा है पंरतु इस अंचल के लोगों को माही डेम बनने से बड़ा नुकसान हुआ। माही डेम बनने से यहां के लोगों की जमीन डूब में चली गई और अंचल के ग्रामीणों को अपने गांवों में जाने के लिए माही विभाग को बिजली पानी और सडक़ व स्कूल ग्रामीणों को सुविधा मुहैया करवाना थी पर माही विभाग के अधिकारियों ने अंचल में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई।
पुल बनाना थे वहां पाइप डालकर कर ली इतिश्री-
माही परियोजना के अधिकारियों ने डूब प्रभावित क्षेत्र में रोड बनाने और ग्रामीणों के लिए सरकार ने माही परियोजना को छोटे पुल बनाकर ग्रामीणों के जाने-आने हेतु सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु लाखों रुपए की राशि स्वीकृत की थी, पंरतु इस आदिवासी अंचल के गुलरीपाड़ा, झोसरपाडा, भेरूपाडा आदि गांवों में पुलिया निर्माण हेतु राशि दी गई थी पंरतु इसे अंचल का दुर्भाग्य कहे कि माही परियोजना के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से पुल के निर्माण करने की बजाय केवल पाइप डालकर कार्य को रफा-दफा कर दिया गया।
माही के कर्मचारी के परिजन के नाम दिया ठेका-
माही परियोजना के अधिकारियों ने डूब प्रभावित क्षेत्रों में पुल निर्माण हेतु टेंडर जारी किए और सांठगांठ करते हुए अपने ही विभाग के कर्मचारी के नाम पर टेंडर डलवाकर, अपने ही विभाग के कर्मचारी के से घटिया निर्माण करवाया, जहां पुल का निर्माण होना था, वहां केवल पाइप लगाकर राशि निकाल ली गई और सभी पुलों का निर्माण विभाग के कर्मचारी ने ही करवाया। वही योजना में जिन गरीब आदिवासियों के आवागमन हेतु रोड बनना था वहां पर घटिया निर्माण कर दिया गया, जिससे बारिश के दिनों में राहगीरों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अभी तक किसी ने नहीं ली सुध-
इस घटिया निर्माण के चलते किसान अपने खेतों तक भी नहीं पहुंच पाते तो स्कूली बच्चों को भी यहां से गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस घटिया निर्माण कार्य को लेकर अधिकारियों को अवगत करवाया गया, पर किसी ने अब तक इसकी सुध नहीं ली। जब निर्माण कार्य चल रहा था तब ग्रामीणों ने घटिया निर्माण को लेकर माही परियोजना के अधिकारी को अवगत कराया था पंरतु अपने ही कर्मचारी के साथ मिलकर निर्माण कर रहे। अधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जिससे ग्रामीण अभी तक परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
जिम्मेदार बोल-
आपके माध्यम से जानकारी मिली है। जांच टीम भेजकर जांच करवाई जाएगी। अगर टेंडर से अलग निर्माण पाया गया था तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
-सीएस सोलंकी, एसडीएम
मामले को दिखवाता हूं-
हमने टेंडर के अनुसार काम किया है। टेंडर डलवाये थे। अब काम किसने किया, इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। अगर पुल टूट गए है तो रिपेयर करवाए जाएंगे।
-सांखला एसडीओ माही परियोजना पेटलावद
कई बार की शिकायत-
घटिया निर्माण को लेकर कई बार माही के अधिकारियों को शिकायत की पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हमारे अंचल के लोगों को अब परेशानियों से जूझता देखा जा सकता है।
-रोशन सिंगाड़, ग्रामीण
जांच होना चाहिए-
माही विभाग को पुलों का निर्माण करना था पंरतु आज अंचल के लोगों को पुल निर्माण नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घटिया निर्माण और पुल नहीं बनने की जांच होना चाहिए।
            प्रदीपसिंह तारखेड़ी, सांसद प्रतिनिधि

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