झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेन्द्र बरमंडलिया/दशरथ कट्ठा की रिपोर्ट-
पिछले दिनों नगर के औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल प्लांटों को लेकर नगर व ग्रामीण की लड़ाई थमती नजर नहीं आ रही है। एनकेन प्रकारेण में उद्योगपतियों के होश उड़ रहे है। ऐसा ही एक मामला सामने आया गत मंगलवार को एक केमिकल फैक्ट्री प्रबंधक ने पथराव की आशंका को देखते हुए फो फैक्ट्री मालिक को लगाया। मालिक ने औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक व कलेक्टर को अवगत कराया। उसी दौरान केमिकल उद्योगपतियों की कलेक्टर अरूणा गुप्ता के साथ कलेक्टोरेट कार्यालय में मुलाकात की। उस उद्योगपति पर आए हुए फोन की घटना कलेक्टर को वहीं स्पीकर आॅन करके सुनाई गई। पिछली घटनाओं को देखते हुए कलेक्टर, एसपी व सभी उद्योगपति मय पुलिस फोर्स के रात्रि में मेघनगर इंडस्ट्रीज एरिये में पहुंचे। इंडस्ट्रियल एरिये का दौरा किया किंतु न तो कोई मिला और न ही किसी फैक्ट्री पर पथराव हुआ। घटना मात्र अफवाह बनकर रह गई। कलेक्टर अरूणा गुप्ता वैसे ही इन मामलों की लेकर परेशान थी ही कि संबंधित सूचना देने वाले प्रबंधक को लताड़ लगाई साथ ही उद्योगपतियों को भी चेतावनी दे डाली।
प्रदुषण विभाग की टीम पहुंची- दोपहर में प्रदूषण विभाग के अधिकारी संजीव मेहरा उद्योग विभाग महाप्रबंधक अमरसिंह मोरे, तहसीलदार केएस गौतम, नगर निरीक्षक एमएल भारी मौके पर पहुंचकर मिट्टी एवं पानी का सेंपल लिया।
ग्रामीणों ने सुनाई खरी खोटी –
प्रदूषण बोर्ड अधिकारी संजीव मेहरा को ग्रामीणों ने खूब खरी खोटी सुनाई और कहा यदि आप ध्यान रखते तो आज हमारे गांवों की दशा नहीं बिगड़ती। आप तो आते हो और अपना स्वार्थ सिद्ध करके चले जाते हो जिन फैक्ट्री में से जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है उनको भी अनदेखा करके चले जाते हो। पिछले कई बार पशुओं की जान चली गई, कईं तालाबों में टैंकरों द्वारा पानी भी छोड़ा गया, रंगे हाथ टैंकर भी पकड़े गए, आखिर तुम क्यों खामोश रहे, हम भी इंसान है हमें तो यहीं रहना है तुम तो कार से आते हो और चले जाते हो।
उद्योगपतियों एवं कर्मचारियों में भय – केमिकल प्लांटों की इन घटनाओं को लेकर दूसरे आद्योगों एवं कर्मचारियों में काफी भय व्याप्त हो गया है। कईं उद्योग एसे हैं जो नियमों का पूरा पालन करते हुए भी चल रहे हैं लेकिन उन प्लांटों की वजह से उनके मालिकों में भी मेघनगर इंडस्ट्रीज एरिया को लेकर भय बनने लगा है। यदि एसी स्थिति चलती रही तो कुछ नियम विरूद्ध चलने वाल प्लांटों की वजह से पूरे औद्योगिक क्षेत्र पर इसकी मार पड़ सकती है। कईं आने वाले बड़े प्लांट भी इस स्थिति को देखते हुए फिसलने लगे है यदि प्रशासन समय पर अब भी नहीं जागा व नियम विरूद्ध चलने वाले प्लांटों पर कार्रवाई नहीं की तो अपने नियम से चलने वाले प्लांट भी बंद होने की कगार पर आ जाएंगे। उद्योगों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी बाहर से आए हुए है डार के कारण इनमें से कुछ कर्मचारी छुट्टी लेकर बिहार, उप्र, गुजरात अपने अपने गांव चले गए।
पूर्व सांसद भूरिया ने कहा – पिछले दिनों एक दौरे के दौरान हमारे प्रतिनिधि से चर्चा करते पूर्व सांसद श्री कांतिलाल भूरिया ने कहा, दो वर्षों से प्रषासन को चेता रहे थे। केमिकल्स प्लांट वालों ने 1000 से 1500 फिट गहरे बोर करवाकर केमिकल जमीन में उतारा जा रहा है जिसमें आमलीपठार, हात्यादेली, अगराल, मेघनगर सहित आस पास के क्षेत्र के बोरिंग में केमिकल युक्त पानी आ रहा है। वैसे तो औद्योगिक क्षेत्र में बोरिंग पर पाबंदी लगी हुइ है लेकिन कुछ शरारती तत्वों द्वारा नियम का उल्लंघन करते हुए बोर करवा रखे हैं।
तीन फैक्ट्रियों का बिजली पानी बंद – नगर के औद्योगिक क्षेत्र में सोमवार को हुए घटनाक्रम को लेकर केमिकल फैक्ट्रियों की जांच का काम गुरूवार को भी चला। प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड, डीआईसी विभाग, एकेवीएन, तहसीलदार व पुलिस की संयुक्त टीम ने कई फेक्ट्रीयों से बहाए जा रहे तरल अपषिष्ट का नमूना जांच के लिए लिया और फैक्ट्रियों की भी जांच की। इस दौरान बुधवार देर शाम कष्टभंजन इंटरप्राइजेस, अंजनिया इंटरप्राइजेस, व केविन केमिकल इंडस्ट्रीज नामक फैक्ट्रियों की बिजली व पानी कनेक्शन अस्थाइ रूप से काटने की कार्रवाई की गइ। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन तीनों ही फैक्ट्रियों में पर्यावरण नियंत्रक बोर्ड की अनुमति के अलावा दूसरी वस्तु का निर्माण होने पर ये कार्रवाई की गयी। वहीं गुरूवार को औद्योगिक क्षेत्र के पास की फेक्ट्रीयों से निकले जहरीले अपषिष्ट से खराब हुए तालाब को दवाइयां डालकर शुद्ध करने का प्रयास भी शुरू किए गए। इस दौरान डीआईसी विभाग के वरिष्ठ महाप्रबंधक अमरसिंह मोरे, प्रबंधक आरके पाटदार, प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड क कार्यपालन यंत्री संजय मेहरा, कनिष्ठ वैज्ञानिक आर.एम.गामड़ एकेवीएन के सहायक यंत्री पीडी जैन, तहसीलदार केएस गौतम, थाना प्रभारी एमएल भाभर आदि उपस्थित थे।
गोपाल (गुजराती काका) को किया गिरफ्तार – मेघनगर सोमवार से शुरू हुए केमिकल प्लांट में पत्थरबाजी व मंगलवार को अफवाहों का दोर चला जिससे आमजन सहित नगर की जनता खौफजदा नजर आई, क्योंकि अगर इन केमिकल प्लांटों में घटना के दौरान कोई अनहोनी होती है तो उसका खामियाजा नगर की जनता को भी भुगतना पड़ सकता है वहीं बुधवार और गुरूवार को प्रशासन द्वारा इन केमिकल प्लांटों का दौरा कर उनकी खामियां देख कुछ प्लांटों का बिजली पानी बंद कर दिया गया तो शुक्रवार को सुबह पुलिस प्रषासन द्वारा पथराव के दौरान आरोपी बनाए गए गोपाल (गुजराती काका) को स्थानीय सांई चोराहा से गिरफ्तार किया तो दिनभर नगर में अलग-अलग चर्चाओं का सिलसिला चलता रहा। बतया जाता है कि गुजराती काका द्वारा जो केमिकल प्लांटों के विरूद्ध मुहिम चलाइ गइ थी उससे परेशान होकर यह सब हथकंडे अपने बचाव एवं खुद को सही साबित करने के चक्कर में यह खेल खेले जा रहे हंै। जनचर्चा का विषय बना हुआ है कि आगे भी और कईं व्यक्तियों की सूची बनी हुई है जिन्हें समय समय पर गांव मोह के प्रति उठाए गए कदमों का हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। वहीं आमलीपठार, अगराल, ग्रामीणों ने चर्चा के दौरान बताया कि सोमवार को हुए पथराव में गुजराती काका उक्त घटना स्थल पर नहीं थे।
प्रशासन ने काराया तालाब शुद्धीकरण का नाटक – शुक्रवार को प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के अधिकारी संजीव मेहरा द्वारा ग्राम आमलीपठार व हीरापुर तालाब में दवाई छिटकवाकर तालाब शुद्धीकरण करवाने का नाटक किया गया। वहीं मेहरा से झाबुआ लाइव द्वारा चर्चा के दौरान कुछ सवाल पूछे गये तो टालते रहे। अधिक जोर देने पर उन्होंने बताया कि तालाबों में फैक्ट्रियो द्वारा छोड़ा गया एसिड न होकर कोई अज्ञात व्यक्तियों द्वारा टैंकर खाली किया गया था जिससे तालाब का पानी दूषित हुआ है।