कपिलधारा कूप निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार

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देवीगढ़ मे ग्रामीणो की समस्याएं सुनते एसडीएम
देवीगढ़ मे ग्रामीणो की समस्याएं सुनते एसडीएम

थान्दला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट – कलेक्टर का मेघनगर ब्लाॅक के देवीगढ़ की कपिलधारा से लेकर मेढ़बांधन, रोड निर्माण सहित शासन की समस्त योजनाओ मे व्याप्त भ्रष्टााचार की षिकायतों के बाद आना और थांदला-मेघनगर के एसडीएम आरएस बालोदिया को निर्देशित करना देवीगढ़ के कार्य कलापों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है। कलेक्टर अरूणा गुप्ता के निर्देश पर एसडीएम आरएस बालोदिया, मेघनगर तहसीलदार गोतम, जनपद सीईओ व कस्बा पटवारियो को लेकर देवीगढ़ पंचायत भवन पहुंचें, जहां उन्हांेने ग्रामीणोे की शिकायत सुन उनका तुरंत समाधान किया। इस अवसर पर उन्होने पूर्व के ग्रामीणो की जगह के नामांतरण के आवेदनों पर कार्रवाई करते हुए संबधित को नामातंरण की सूचना भी दी। ग्रामवासियो ने कपिलधारा में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एसडीएम का ध्यान चाहा।

इस तरह हुई बंदरबांट
कपिलधारा में व्याप्त भ्रष्टाचार के विषय में बताते हुए ग्राम के लोगो ने कहा कि स्कूल फलिये में बने एक कूप को वर्ष 2010 में दीपक सकरिया कटारा के नाम से कपिलधारा में हितग्राही बनाया था जिसकी लागत 58 हजार रुपए थी को उस समय के मंत्री सहित सभी लोगों ने बंदरबांट कर ली, फिर उसी कुएं को वर्ष 2013-14 में सार्वजनिक दर्शाते हुए ढाई लाख रुपए का गबन किया है। इसी तर्ज पर चरपोटा फलिये में भी कलजी मईड़ा चरपोटा को वर्ष 2007-08 में कपिलधारा योजना का लाभ देकर 58 हजार का कूप स्वीकृत किया था, जिसे वर्तमान में सार्वजनिक कूप दर्शाकर 2 लाख 71 हजार रूपयें की राशि का गबन किया गया है। इसी प्रकार वालचंद, कारू, चुनिया और पारू द्वारा बनाये गये कूप को पूर्व में पारू को हितग्राही बनाकर 58 हजार की राशि स्वीकृत कर दी गई थी, जिसे वर्तमान में सार्वजनिक कूप बताकर 2 लाख 71 हजार की राशि का गबन किया गया है। उक्त तीनों कूप के विषय में जब जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि उक्त तीनों कूप निजी भूमिपर भूमि मालिक ने अपनी जेब की राशि खर्च करके बनाये थे। कपिलधारा कूप योजना के अंतर्गत उन्हे कुछ राशि देकर लाखों की राशि का भ्रष्टाचार हुआ है। इसी तरह ग्राम देवीगढ़ के सभी फलियों में शासन की राशि का जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। पूंजा मल्ला कटारा ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि तीन वर्ष पूर्व उसका कूप कपिलधारा योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुआ था लेकिन चार हाथ गड्ढा खोदकर कार्य की इतिश्री कर दी गई थी। फिर हितग्राही पूंजा ने बैंक आॅफ बड़ौदा से ऋण लेकर कूप का निर्माण किया है। उक्त कूप की स्वीकृत राशि 1 लाख 78 हजार रूपयें उसे आज तक नही मिल पाई है। कानु भीलजी डामोर निवासी लाम्बी सादेड़ ने बताया कि 3 वर्ष पूर्व 1लाख 58 हजार म स्वीकृत कूप की राशि आज तक नही मिल पाने के कारण कर्ज मे डुबा हुआ हु। उस समय मेने उक्त कुआ घर की महिलाओ के गहने गिरवी रख का कूप का निर्माण करवाया था। ऐसे कई हितग्राही है जिन्हे कपिलधारा योजना के अन्तर्गत हितग्र्राही तो बनाया गया लेकीन या तो राशि मिली ही नही या राशी का कुछ अंश ही प्राप्त हो पाया है ।
एसडीएम ने किया मोका मुआयना
ग्रामवासियों की कूप योजना में ग्रामवासियों के आक्रोश को देखते हुए एसडीएम बालोदिया ने पटवारियो की जांच समिति गठीत करते हुए उन्हे अपनी रिपोर्ट जल्द सोंपने की बात कही। उन्होनें भी कुछ कुआं का मोका मुआयना किया जहां पर ग्रामीणो से चर्चा कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुंजा मल्ला कटारा के कूप के संबध में हितग्राही द्वारा एई व जेई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने को कहा साथ ही तत्कालीन पंचायत मंत्री और सरपंच सहित समस्त जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के लिये कलेक्टर को अवगत कराया। कपिल धारा कूप के 11 हितग्राहियो के मामलों मे अनियमितता को देखते हुए जांच के आदेश जारी किये ।
शासन की योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार
आदिवासी विकास की बाते करने वाली सरकारे तो कई आती है और उनके उत्थान की कई योजनाओं को लागू भी करती है। लेकिन उक्त योजनाएॅ का सही क्रियान्वयन नही हो पाता है। कई बार तो सरकारों के बदलने के साथ ही योजनाओं के नाम भी बदल जाते है लेकिन योजनाओं कि स्थिति वही की वही रहती है। कूप निर्माण में सबसे पहले जवाहर रोजगार योजना के अंतर्गत कूप निर्माण हुए थे, उसके बाद काम के बदले अनाज योजना के अंतर्गत कूप का निर्माण हुआ, वर्तमान में कपिलधारा योजना के अंतर्गत कूप का निर्माण हुआ लेकिन धरातल से परे इन योजनाओं में पूराने कूप को ही नये कूप दर्शाकर लाखों ही नही करोड़ो की राशि का बंदरबाट हुआ है। शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं का वास्तविक हितग्राही तक नही पहुंच पाना और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का खामियाजा वर्तमान के चुनाव परिणाम में भाजपा सरकार को भुगतना पड़ा है।

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