कन्सलटेन्ट सर्विस के लिए हर जिले को मिलेंगे एक करोड़ रुपए : चेतन्य कश्यप

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5 वर्षीय योजना नहीं अब 15 वर्षीय एक्शन प्लान बनेगा
4 झाबुआ। केन्द्र सरकार ने नीति आयोग बनाकर अब विकास योजनाओं के निर्माण में आधारभूत परिवर्तन किया है। अब जमीनी आंकलन के बाद ही जिले की योजना को मंजूरी दी जाएगी। गांव की आवश्यकता को देखते हुवे योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसी लिये योजना आयोग जिलों में बैठक आयोजित कर जिला कलेक्टरों से सुझाव आमंत्रित कर रहा है। उक्त बात राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्षचेतन्य कश्यप ने बुधवार को झाबुआ जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में संपन्न राज्य योजना आयोग की बैठक में कही। बैठक में चार जिलों झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बडवानी के त्रिवर्षीय विकेन्द्रीकृत जिला योजना के प्रस्तावों पर योजनाओं व उसके बजट पर विभागवार चर्चा की गई। बैठक में राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष कश्यप ने कहा कि लागू पंचवर्षीय योजना मार्च में समाप्त हो रही है। इसके बाद पंचवर्षीय योजना लागू नहीं होगी। अप्रैल 2017 से विकेन्द्रीकृत योजना लागू की जाएगी।बैठक में उपाध्यक्ष कश्यप ने कहा कि योजनाओं के लिए शासन स्तर से प्राप्त बजट का समुचित उपयोग करे। जिले में सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को चिन्हांकित करे। रोड सैफ्टी संबंधी प्लान तैयार करे। बैठक में राज्य योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार राजेन्द्र मिश्रा, पीसी बारस्कर, डॉ. बीएल शर्मा, कलेक्टर झाबुआ आशीष सक्सेना, कलेक्टर अलीराजपुर गणेश शंकर मिश्रा, कलेक्टर धार श्रीमन शुक्ल एवं कलेक्टर बड़वानी तेजस्वनी एस नायक, सहित चारो जिलों के पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत सहित चारो जिलों के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
अब 28 योजनाओ में ही मिलेगा बजट
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष चेतन्य कश्यप ने कहा कि केन्द्र सरकार ने योजना आयोग को खत्म कर दिया है क्योकि 70 वर्षो में इस देश को कुछ हासिल नहीं हुआ है। इसलिए सरकार ने नीति आयोग का गठन किया है। पहले राज्य सरकारों को 167 योजनाओं के मद में बजट मिलता था अब सरकार ने उसे घटाकर 28 योजनाएं कर दिया है। अब इन्ही योजनाओं के मद में बजट जारी किया जाएगा। हर योजना की मानीटरिंग के लिए एक्सन प्लान भी बनाया जाएगा। हर योजना अब प्रोजेक्ट के स्वरूप में चलेगी। जिससे हितग्राही एवं क्षेत्र विशेष के विकास की मानिटरिंग कर यह बताया जाएगा कि योजना लागू करने से पहले क्या स्थिति थी एवं योजना से लाभान्वित होने के बाद कितना विकास हुआ।
हर जिले को मिलेगे 1 करोड़
जिले में जिले की आवश्यकता को देखते हुए जिला कलेक्टर किसी भी प्रोजेक्ट को चलाने के लिए एवं अच्छे विकास के लिए प्रोजेक्ट कंसलटेंसी सर्विस निजी क्षेत्र से हायर करने के लिये स्वतंत्र होगे। इसके लिए हर जिले को 1 करोड रूपये बजट आवंटित किया जाएगा एवं प्रोजेक्ट के लिये यदि औैर अधिक बजट की आवश्यकता होगी तो कार्य के महत्व को देखते हुवे और भी बजट दिया जाएगा। उपाध्यक्ष चेतन्य कश्यप ने बैठक में कहा कि 5 वर्षीय योजना के बजाय अब 15 वर्षीय कार्ययोजना पर काम करेगे। इसके बाद उसे दो टुकडो में 7-7 साल की योजना बनायेगे। आगामी तीन सालों के लिए हर एक जिले की आर्थिक योजना तैयार करके लागू किया जाएगा। जिले की योजना के सही क्रियान्वयन के लिए कंसलटंट हायर करेगे, वह सर्वे करेगे फिर लक्ष्यों का निर्धारण होगा, सभी योजनाओं का एक्शन प्लान तैयार कर काम किया जाएगा। बैठक में राज्य योजना आयोग के सलाहकार राजेन्द्र मिश्रा ने विकेन्द्रीकृत जिला योजना के संबंध में राज्य योजना आयोग की तरफ से जारी दिशा-निर्देशो से अवगत कराया।
सामाजिक सहयोग की हुई सराहना
बैठक में कलेक्टर आशीष सक्सेना ने सभी का स्वागत किया एवं आभार प्रदर्शन किया। बैठक में चारो जिलों के कलेक्टर ने अपने जिले की योजना एवं अपने नवाचार को बताया। बैठक में कलेक्टर आशीष सक्सेना ने जिले में सामाजिक अपराधों को रोकने के लिए एवं सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश लगाने के लिये सामाजिक प्रमुख तडवी-पटेल से सहयोग लेने के लिए किये गये अपने नवाचार की जानकारी दी जिसकी योजना आयोग उपाध्यक्ष कश्यप ने सराहना की।
फोटो- 4, 5

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