झाबुआ लाइव के लिए पारा से राज सरतलिया की रिपोर्ट
शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पारा में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि जैन रत्न एवं समाज प्रकाश छाजेड़, कार्यक्रम की अध्यक्षता मेडिकल ऑफिसर डॉ.कुंवरसिंह डुडवे एवं विशेष अतिथि दैनिक चैतन्यलोक झाबुआ संपादक एवं झाबुआ लाइव संपादक अशोक बलसोरा की उपस्थिति में संपन्न हुआ। सर्वप्रथम भारत माता छवि पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके बाद बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत प्राचार्य गुलाबसिंह डावर द्वारा स्वागत भाषण एवं सभी अतिथियों का स्वागत शाला परिवार की ओर से पुष्पगुच्छ एवं बेच लगाकर किया गया। कार्यक्रम में आचार्य खान साहब ने बालिकाओं का उत्साहवर्द्धन एवं स्नेह सम्मेलन अपनी प्रतिभाओं को उभारने का एक उच्चतम मंच बताया। उसके पश्चात संपादक अशोक बलसोरा ने उपस्थित शाला परिवार की छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि स्नेह सम्मेलन शब्द से प्रतीत होता है कि पूरे वर्ष की भाग-दौड़ एवं पढ़ाई-लिखाई के दबाव के बाद कुछ समय सभी एक ही मंच पर उपस्थित होकर स्नेह पूर्वक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का एक अनूठा मंच उपलब्ध होता है। निरूसंदेह आप सभी इस अवसर का हर्षोल्लास के साथ लाभ लेते हैं। साथ ही साथ शाला परिवार की उपलब्धियों पर भी अशोक बलसोरा ने प्रशंसा की एवं छोटे से नगर का नाम खेल एवं शिक्षा जगत में जिला ही नहींसंभाग एवं राज्य स्तरीय लेवल पर कई बालिकाओं ने प्रतिनिधित्व करते हुए इस क्षेत्र का नाम रोशन किया है। साथ ही मांग पत्र में स्टाफ की कमी, भवन की कमी, खेल मैदान की कमी जैसे कई ज्वलंनशील मुद्दों को शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निजात दिलाने की बात संपादक अशोक बलसोरा ने कहीं। वहींबलसोरा की ओर से शाला परिवार को कक्षा छठवीं-सातवीं, नौवीं-11वींकी छात्राओं को अच्छी पढ़ाई करते हुए कक्षा में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को शिल्ड एवं पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई। वहींअशोक बलसोरा ने बालिकाओं से मन लगाकर पढ़ाई कर माता-पिता समेत स्कूल का नाम रोशन करने की बात कहीं। मुख्य अतिथि प्रकाश छाजेड़ ने भी भारत माता के जयघोष के साथ अपना उद््बोधन देते हुए कहा कि उन्होंने अपने शिक्षा जीवन का जिक्र करते हुए पढ़ाई की कठिनाइयों के बारे उपस्थित बालिकाओं को बताया। उन्होंने कहा कि पहले की पढ़ाई और अब की पढ़ाई में काफी फर्क है अब संसाधनों की काफी सुविधा हो गई जिसका लाभ विद्यार्थियों को लेना चाहिए। इसके साथ कई अनुभव भी शेयर किए। साथ ही साथ छात्राओं एवं शिक्षकों से अपील की कि वे मन लगाकर पढ़ाई करें एवं पढ़ाई करवाएं एवं हमारे इस वनवासी अंचल का नाम रोशन करें। छाजेड़ ने कहा कि समय पर जब भी हमारी जरूरत पड़ेगी वह रचनात्मक एवं सामाजिक कार्र्यों के लिए हमेेशा तत्पर रहेंगे। मांग पत्र के बारे में उन्होंने कहा कि यथासंभव प्रयास कर शाला परिवार के लिए जो भी हो सकेगा करेंगे। साथ ही छाजेड़ ने अपनी ओर से घोषणा की कि दसवींएवं बारहवींमें जो भी कक्षा में प्रथम स्थल हासिल करेगा उन्हें शिल्ड पुरस्कृत किया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने 2501 रुपए शाला परिवार को नकद भेंट किए।
अनुकरण पहल की डावर ने
शाला परिवार के शिक्षक एवं कार्यक्रम का संचालन कर रहे कलसिंह डावर ने एक अनुकरणनीय पहल करते हुए निराश्रित बच्ची जो की पढने में अच्छी है लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम नहींहोने के कारण पढ़ाई में आ रही दिक्कत को दूर करते हुए 501 रुपए की राशि अपनी ओर से देने की बात अतिथियों से कही। इसके बाद अतिथिगणों ने भी अपनी-अपनी ओर से 501-501 रुपए की राशि बालिका को भेंट की। कार्यक्रम का संचालन कलसिंह डावर द्वारा किया गया।