एक पटवारी जिसके लिए अफसरों ने विधानसभा मे सरकार की विश्वनियता को कटघरे मे खडा कर दिया 

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झाबुआ लाइव

चंद्रभान सिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

कहते है राजस्व विभाग के कुछ ( सब नहीं) अफसर इतने घाघ होते है कि अपने ही विभाग के मंत्री के आदेशों को घोलकर पी जाये । ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है झाबुआ मे जहां राजस्व विभाग के अफसर एक पटवारी को बहाल करने के लिए विधानसभा मे अपने ही विभाग के मंत्री यानी राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्त द्वारा की गयी घोषणा को घोलकर पी गये । झाबुआ Live यहाँ पूरे मामले का सनसनीखेज खुलासा मय सबुतो के करने जा रहा है । पढिए पूरी रिपोर्ट—–

 

विधानसभा के जरिए हुआ निलंबित ; लेकिन विधानसभा मे हुई घोषणा खोलकर पी गये अफसर

दरअसल पूरा मामला यह है कि थादंला के विधायक कल सिंह भाबर ने अपने ताराकिंत सवाल क्रमांक 1545 के जरिए सवाल पूछा था कि क्या आदिवासी की जमीन का सामान्य के नाम रजिस्ट्री हो सकती है ? अगर नहीं तो झाबुआ जिले की मेघनगर तहसील के सर्वे नंबर 332 क्षैत्रफल 1.35 हेक्टेयर कृषी भूमि की रजिस्ट्री सन 2011 – 12 में कैसै हो गयी ? इस सवाल के जवाब मे राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्त द्वारा विधानसभा मे स्वीकार किया गया कि हा ऐसा हुआ है जो गलत है ओर इसके लिए दोषी पटवारी नटवर कछोटिया को निलंबित किया गया है ओर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश भी दिये गये है । राजस्व मंत्री ने पूरी जांच करवाने का आश्वासन दिया था । राजस्व मंत्री ने विगत 7 मार्च 2018 को विधानसभा के पटल पर यह जवाब दिया था ओर इस जवाब के दो दिन पहले झाबुआ के अपर कलेक्टर ने अपने पत्र क्रमांक / भू अभिलेख / स्थापना / 2018 / 302 दिनांक 5 मार्च 2018 के जरिए मेघनगर तहसीलदार को पटवारी नटवर कछोटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिये थे इस निर्देश के पालन मे मेघनगर तहसीलदार द्वारा 7 मार्च 2018 को मेघनगर थाना इंचार्ज को अपने पत्र क्रमांक 673 / रीडर / 1 /18 दिनांक 7 मार्च 2018 के जरिए एक पत्र लिखकर पटवारी नटवर कछोटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये । लेकिन इस पत्र के साथ कोई दस्तावेज नहीं दिये । इसलिए मामले मे कोई एफआईआर नहीं हो सकी ओर विधानसभा मे सरकार का दावा झुठा पड गया नतीजा राजस्व विभाग के अफसरों ने बिना किसी वैधानिक अभियोजन की या पुलिस कारवाई के एक सामान्य जांच के बाद उसे बहाल कर दिया ।

 

पुलिस की चिट्ठी खोल रही है राजस्व विभाग की पोल

इस पूरे मामले मे राजस्व विभाग के अधिकारी अब कटघरे मे है क्योकि उन्होंने अपने ही विभाग के मंत्री द्वारा विधानसभा की पटल पर की गयी घोषणा को पलीता लगाया ओर सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री को झुठा साबित किया । राजस्व विभाग के अफसर चाहते ही नहीं है कि पटवारी नटवर कछोटिया के खिलाफ पुलिस कारवाई हो .. इस बात की पुष्टि पुलिस थाना मेघनगर के टीआई के पत्र क्रमांक 8 / 899 / 2018 दिनांक 13 मई 2018 से होती है जिसमें थाना इंचार्ज ने तहसीलदार मेघनगर को लिखा है कि आपने 7 मार्च को एफआईआर लिखने का सिर्फ पत्र सोंपा । मोबाइल पर आपसे एफआईआर के लिए जरुरी दस्तावेज मांगे लेकिन आपने नहीं दिये ओर कहा कि अभी आवेदन ले लो एफआईआर करने के लिए बाद मे दस्तावेज दे देंगे । लेकिन दो महीने गुजरने के बाद भी तहसीलदार मेघनगर या राजस्व विभाग ने नटवर कछोटिया के खिलाफ दस्तावेज पुलिस को नहीं सोंपे । अब पुलिस नटवर कछोटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए दस्तावेज मांग रही है तब भी राजस्व विभाग दस्तावेज नहीं दे रहा है ।

मामले मे उठते सवाल – कटघरे मे जिम्मेदार!!
पटवारी नटवर कछोटिया के खिलाफ विधानसभा मे सरकार के जिम्मेदार मंत्री ओर वह भी राजस्व मंत्री द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने की घोषणा पर आखिर अमल अभी तक क्यो नहीं ? ओर अमल के पहले उसकी बहाली पर कुछ सवाल उठते है जो कि जिम्मेदार अफसरों को कटघरे मे खडा करते है ।

सवाल नंबर -1 – राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्त द्वारा विधानसभा पटल पर की गयी एफआईआर दर्ज करवाने की घोषणा मायने रखती है या नहीं ?

सवाल नंबर -2 – अपर कलेक्टर ने 5 मार्च 2018 को तहसीलदार मेघनगर को पटवारी नटवर कछोटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया उसके बाद उसे फालो क्यो नहीं किया ? एफआईआर दर्ज हुई या नहीं यह जानने की कोशिश क्यो नहीं की ?

सवाल नंबर -3 – मेघनगर तहसीलदार ने मेघनगर पुलिस को लिखे अपने पत्र मे पुलिस को नटवर कछोटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये थे जबकि उनको निर्देश देने की बजाय खुद या अपने जूनियर को फरियादी बनाकर एफआईआर दर्ज करवाकर उसकी कापी हासिल करनी चाहिए थी ।

सवाल नंबर -4 – मेघनगर तहसीलदार ने मेघनगर पुलिस को पटवारी नटवर कछोटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दस्तावेज आखिर क्यो नहीं दिये ? ऐसा करने से कोन तहसीलदार को रोक रहा था ?

सवाल नंबर -5 – क्या पटवारी को भारतीय दंड संहिता की अजामनीय धाराओ 420 / 467 आदि से बचाने के लिए पुलिस को दस्तावेज नहीं दिये गये ?

सवाल नंबर -6 – इन सब घटनाक्रमो में क्या कलेक्टर की सहमति थी ? अगर नहीं थी तो अब क्या एक्शन लेकर कलेक्टर सरकार के एक मंत्री की घोषणा को पूरा करेंगें ?

सवाल नंबर -7 – क्या राजस्व विभाग का अमला पटवारी नटवर कछोटिया को पुलिस कारवाई से इसलिए बचा रहा है क्योकि अगर उसके खिलाफ गंभीर धाराओ में एफआईआर हो गयी तो कई बडे राजस्व अधिकारियों को भी तकलीफ हो सकती है ?

जिम्मेदारों की सुनिए

तहसीलदार मेघनगर को एफआईआर करवानी चाहिए थे हमने फिर से निर्देश दिये है कि पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की कारवाई करें । उसके खिलाफ विभागीय जांच जारी रहेगी। – एसपीएस चोहान – एडीएम झाबुआ

मेघनगर थाने पर एक आवेदन के अलावा कुछ नहीं दिया गया .. मामला धारा 420 का है दस्तावेज के साथ ही हम एफआईआर ओर उसके बाद जांच कर पायेंगे ; मैनै तहसीलदार मेघनगर को पत्र लिखकर दस्तावेज मांगे है – जे आर बर्डे – टीआई मेघनगर

इस मामले मे राजस्व मंत्री ओर चीफ सेक्रेटरी का बयान लेने के प्रयास जारी है अगर बयान मिलते है तो अगली खबर मे पढिए ।

 

Note – एक पटवारी पर बडा खुलासा जल्दी ही देखते – पढते रहिए झाबुआ Live

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