एक्प्रेस हाइवे के जमीनी सर्वे के साथ ही विरोध भी शुरू, सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे एसडीएम कार्यालय बताई समस्याएं

0

रितेश गुप्ता, थांदला
केंद्र सरकार द्वारा नोएडा(दिल्ली) से मुम्बई के लिए 8 लेन एक्सप्रेस हाइवे मार्ग निर्माण की योजना स्वीकृत की गई है । इस मार्ग के बन जाने से दिल्ली-मुम्बई की दूरी 200 किमी कम होगी । मार्ग का प्रारंभिक हवाई सर्वे भी हो चुका है तो अब योजना को मूर्तरूप देने जमीनी सर्वे व निरीक्षण के लिए केंद्रीय निर्माण योजना के अधिकारी-कर्मचारी का निर्धारित मार्ग पर आगमन भी होने लगा है तो प्रशासनिक स्तर पर भी इस मार्ग पर आने वाली जमीनों के मुआवजे के प्रकरण बनाने के साथ ही दावाए आपत्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैए प्रशासनिक प्रक्रिया के शुरू होते ही जयस संगठन की पहल के साथ ग्रामीणजनों ने इस मार्ग निर्माण का विरोध भी शुरू कर दिया है ।
सैकड़ों ग्रामीणों ने दर्ज की आपत्ति
मार्ग निर्माण की दावे-आपत्ति के लिए प्रशासनिक स्तर पाए 21 अगस्त को विज्ञप्ति जारी की गई थी तथा 13 सितम्बर तक दावे-आपत्ति मांगे गए थे। गुरुवार को अंतिम दिन अनुविभागीय अधिकारी थांदला के कार्यालय में क्षेत्र के 21 ग्राम पंचायतों के 39 गांवों के करीब 400 से अधिक ग्रामीणजन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय पहुंचे व सामूहिक रूप से एक्सप्रेस हाइवे मार्ग निर्माण का विरोध किया व अपनी आपत्ति दर्ज करवाई।
इस तरह दिए आपत्ति पत्र
सैकड़ो ग्रामीणों ने एक ही भाषा के टाइप किये आपत्ति पत्र में अपने नाम भरकर व हस्ताक्षर कर आपत्ति प्रस्तुत की जिसमे स्प्ष्ट लिखा गया कि मेरी जो भूमि एक्सप्रेस-वे बनाने में अधिग्रहित की जा रही है जिसका में विरोध करता हूं।
झाबुआ जिले की अधिग्रहित सूची में आई भूमि भारतीय संविधान की 5वी अनुसूची अनुच्छेद 244/1 के अनुसूचित क्षेत्र में आती है जिसको संविधान के अनुच्छेद 13/(3) क के तहत विधि अनुसार अपनी आपत्ति दर्ज करवाते हुए सुपर एक्सप्रेसवे बनाने का पुरजोर विरोध करते है ।
रूलिंग का दिया हवाला
ग्रामीणों ने अपनी आपत्ति में कुछ जजमेंट के रूलिंग का हवाला देते हुए लिखा कि हम भारत के संविधान का सम्मान करते है व संवैधानिक दायरे का उपयोग करते हुए पाचवी अनुसूची 244 (1) अनुच्छेद 13 (3) क समता जजमेंट आंध्रप्रदेश 11 जुलाई 1997 वेदांत जजमेंट 2011पी रम्मी रेडडी 14 जुलाई 1988 के समस्त प्रवधानों को हमारे हितों में ध्यान रखते हुए हाइवे हेतु मेरी भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाई जाए।
ग्रामसभाओं के प्रस्ताव भी दिए
आपत्तिकर्ताओं ने बताया कि 21 अगस्त को विज्ञप्ति जारी होने के बाद हमने ग्रामपंचायतों में ग्राम सभाओं की बैठके कर आपत्ति के प्रस्ताव भी पारित कर प्रस्तुत कर दिए है और आज गुरुवार को सभी की पृथक-पृथक आपत्तियां पस्तुत की है। हम किसी भी हाल में हमारी जमीन मार्ग निर्माण हेतु नही देंगे।
बटवारों के बाद जमीन नहीं बची
आपत्तिकर्ता ग्रामीणों का कहना है कि परम्परा अनुसार परिवार के बंटवारों में जमीन बट जाने से बड़े खाते न होकर अब केवल खाने लायक अनाज पकाने के लिए छोटे छोटे टुकड़ों में ही जमीन है और वह भी सडक़ निर्माण में अधिग्रहित हो जाए तो हम कह जाएंगे और क्या खाएंगे। इस अधिग्रहण में कई लोगो के मकान भी जा रहे है। सरकार नाम मात्र का मुआवजा दे देगी। हमें न तो मुआवजा चाहिए और न जमीन व मकान के बदले जमीन व मकान चाहिए।
जनप्रतिनिधियों से नाराजगी
ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र के विधायक, सांसद व अन्य नेता कोई भी हमारी हालत को समझने, सुनने को तैयार नही है व किसी प्रकार की मदद नही कर रहे है। अब हमारी लड़ाई हम खुद लड़ेंगे, हमें भी ऐसे जनप्रतिनिधियों की आवश्यकता नहीं है। जो हमारा साथ देगा हम उनका साथ देंगे।
रतलाम जिले से थांदला क्षेत्र में होगा प्रवेश
उक्त एक्सप्रेस-वे रतलाम जिले के शिवगढ़, रावटी से माही नदी को क्रॉस करते हुए थांदला तहसील के केशरपुरा ग्राम से झाबुआ जिले में प्रवेश करेगा व मोरझरी से सागर-अहमदाबाद हाइवे को क्रॉस करता हुआ मेघनगर खंड के 7 गांवों से होकर चारेल से गुजरात मे प्रवेश करेगा।
यहां से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-बम्बई एक्सप्रेस-वे झाबुआ जिले में केवल थांदला विधानसभा क्षेत्र के थांदला-मेघनगर विकासखण्ड के गांवों से होकर गुजरात के दाहोद जिले में प्रवेश करेगा। इस मार्ग में थांदला खंड के 32 गांव व मेघनगर खंड के 7 गांवों से होकर गुजरेगा।
कलेक्टर का कहना है-
दावे आपत्ति के अंतिम दिन होने से जमीन अधिग्रहण के दायरे में आने वाले इन 39 गांवों से करीब 400 ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुचे परन्तु एसडीएम के जिला मुख्यालय जाने से असमंजस में रहे। इस प्रतिनिधि ने इस बारे में जब जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिन्हें भी आपत्ति हो वे कार्यालय में सम्बंधित क्लब के पास प्रस्तुत कर दे हम संज्ञान ले लेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.