मेघनगर – वनेष्वर मारूति नंदन हनुमान कुटीर समिति, पप्पू भैया मित्र मंडल, चुन्नु भैया मित्र मंडल के संयोजन में गणेशजी, महालक्ष्मीजी, महासरस्वतीजी, अंबे माताजी की प्राण प्रतिश्ठा की पांचवी वर्शगांठ इस बार धार्मिक आयोजन के चलते प्रदेषभर में ऐतिहासिक बन गई है। विषाल पांडाल, हजारों भक्तों का कुंभ, विषाल भंडारा, भव्य मेला व आगंतुकांे के लिए वाहन व बैठक स्थल पर षीतल जल की व्यवस्था की सभी सराहना कर रहे हंै। श्रीराम दासजी त्यागी बाबा, मुकेषदासजी महाराज, चितामणि महाराज के सानिध्य सरंक्षण में सुरेषचंद्र पूरणमल जैन, पप्पू भैया, रिंकू भैया व समस्त समिति जनांे ने अथ प्रयासां से इस बार त्रि दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा का श्रवण विख्यात अंतराश्ट्रीय मर्मज्ञ तेजास्वीनी विदुशी राधास्वरूपा जयाकिषोरीजी के मुखाग्र से हजारों श्रद्धालु कथा का रसपान कर रहे हैं। कथा यजमान अनिल कोठारी व माया कोठारी है। आरती पष्चात षुरू हुई प्रारंभिक कथा मंें पूज्या जया किषोराजी ने नरसिंह मेहता के जीवन पं्रसग पर प्रकाष डालते हुए बताया कि उनका जन्म जूनागढ़ गुजरात के नागर परिवार में हुआ था। माता पिता के बचपन से ही साया उठ जाने से दादी ने पालन किया। नरसिंहजी बचपन से मूक वधिर थके। एक दिन षिवरात्रि की संत की कृपा से उन्हे वाणी का आशषीर्वाद मिला आपने नानीबाई के मायरे की सूची बनाने का सचित्र झांकी से वर्णन किया तो बीच बीच में श्रीकृश्णजी, षंकर भगवान, हनुमानजी, के प्रेरक प्रंसग मर्म स्पर्षी भजनो के जरिये बताए जिससे श्रद्धालु थिरक उठे। कथा का उददेशष्य विकलांगों की सेवा सहायतार्थ नारायणसांई संस्थान उदयपुर को सहयोग करना भी है इस बार कथा विषाल स्तंभाकार अगरबत्ती आकर्शण का केन्द्र थी तो 12 देश में आस्था चैनल के माध्यम से लाइव प्रसारण होना भी मुख्य विषेशता है। स्वागत बहुमान व्यक्त करते हुए सुरेशचंद्र जैन ने कहा कि मैं तो सिर्फ माध्यम हूूं भगवान ने इस लायक बनाया है तो ये तो मेरा फर्ज है आपने सभी से समयानुसार कथा का लाभ लेने का आव्हान व भोजन भंडारा ग्रहण करने की अपील की।