आन्दोलन मोड में आए बावड़ी के दूध उत्पादक किसान कहा, मिनरल वाटर के भाव नहीं देंगे अपना दूध

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हरीश राठौड़, पेटलावद
किसान आंदोलन के दूसरे दिन पेटलावद के ग्राम बावड़ी के दुग्ध उत्पादक ने हड़ताल के समर्थन में उतर कर दूध देने से इंकार कर दिया। सुबह से ही किसान आक्रमक रुख अख्तियार किये हुए नजर आए। दूध डेयरी भवन पर उपस्थित किसान अपना दूध लेकर पहुंचे और दूध को न देकर अपना विरोध दर्ज करवाया। नारेबाजी के साथ दूध उत्पादक किसानों की यही मांग रही कि पिछले आंदोलन के वक्त किये वादे को पूरा नही किया गया है। जिससे किसान ठगे हुए महसूस कर रहे है।

मिनरल वाटर के भाव नहीं देंगे दूध
दूध डेयरी के अध्यक्ष अमृतलाल पाटीदार ने बताया कि मिनरल वाटर के दाम पर दूध खरीदा जा रहा है। उक्त दाम से किसान अपना खुद का खर्चा भी नही निकाल पा रहा है। ऐसे में इस आंदोलन को हम समर्थन देकर अपना दूध तब तक नहीं देंगे जब तक हमारे दूध का भाव नहीं बढ़ जाता।

लागत नही निकल रही
इधर किसान जितेंद्र पाटीदार ने कहा कि पशु आहार महंगा, दवाई महंगी, गौवंश महंगा के साथ रख रखाव भी महंगा है। इन सभ को किसान खुद करे तो भी लागत नही निकल रहा है यदि मजदूरी से करवाये तो सिर्फ घाटे का ही सौदा है। ऐसे में दूध उत्पादक कैसे लाभ में रह सकते है। श्री पाटीदार ने यह भी बताया कि पिछले आंदोलन के वक्त प्रति फेट दूध के भाव 6.5 के आसपास था जो अब 5 रुपए हो गया है।

नारेबाजी कर लौटाया वाहन को
दूध डेयरी पर उपस्थित दूध उत्पादक किसानों ने जय जवान जय किसान के नारे लगाते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। बाद में दूध संकलन के लिये आये शीत केंद्र के वाहन को वापस यह कहकर लौटाया की जब तक हमारी मांगो का निराकरण नही होता हम दूध नही देंगे।
जिलाध्यक्ष के बोल
भारतीय किसान संघ यूनियन जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड बताया गया कि हम किसानों के साथ हैं और शांतिपूर्ण ढंग से हमारा आंदोलन 10 दिन तक चलेगा।

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