आदिवासी चेतना यात्रा का मामाजी की कर्मभूमि से हुआ भव्य शुभारंभ

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झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
 समाजसेवी एवं युवा नेता डॉ.विक्रांत भूरिया ने शुक्रवार से अपनी 208 किमी की आदिवासी जन चेतना यात्रा मामा बालेश्वर दयाल की कर्मभूमि बामनिया आज दोपहर 12 बजे बामनिया में एक विशेष समारोह पूर्वक आयोजन कर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विनोबा भावे तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मामा बालेश्वरदयाल, बिरसा मुंडा, टंट्या मामा के तेलचित्र पर माल्यापर्ण कर उन्हें नमन किया गया अतिथियों एवं वरिष्ठ समाजसेवियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर समारोह की शुरूआत राष्ट्रगीत वंदे मातरम से की गई। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ.भरत छपरवाल पूर्व कुलाधिपति देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, कल्याण जैन पूर्व सांसद इंदौर, महेश जोशी पूर्व मंत्री, सांसद कांतिलाल भूरिया सहित जिले के वरिष्ठ समाजसेवी एवं गणमान्य नागरिक का आत्मीय स्वागत किया गया।
डॉ. विक्रांत राजनीति-समाज सेवा के लिए योग्य : छपरवाल
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए भूतपूर्व कुलाधिपति डॉ. भरत छपरवाल ने कहा कि देश का असली विकास शिक्षा, स्वास्थ और सडक़ को उन्नत करके ही किया जा सकता हैं न की दिखावे से होता हैं। विकास ऐसा हो जो ग्रामीण क्षेत्र अंतिम फलिये के लोगों में देखने के लिये मिले तक ही हम और हमारा देश विकाशसील राष्ट्र कहलाएगा। डॉ. विक्रांत भूरिया को में काफी समय से जानता हूं, वे एक कर्मठ, लगनशील व्यक्ति हैं, जो राजनीति के साथ साथ समाजसेवा कार्य करने में पूरी तरह योग्य हैं। मैं उन्हें यात्रा की सफलता के लिये अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
जनचेतना यात्रा से अंधविश्वास-कुरीतियों को किया जाए दूर : महेश जोशी
पूर्व मंत्री एवं समाजसेवी महेश जोशी ने कहा कि लोगों की हम की लड़ाई के लिए हम जेल जाने में भी नहीं घबराते थे एवं समाजसेवा के कोई भी कार्य को पूर्ण प्राथमिकता के आधार पर करते थे वहीं गुण आज की यात्रा के माध्यम से डॉ. विक्रांत भूरिया के रूप में देख रहा हूं। डॉ विक्रांत भूरिया क्षेत्र की जनता की लड़ाई के लिए उन्हें सामाजिक कुरीतियों एवं अंधविश्वास, अशिक्षा अपने अधिकारों के लिये सजक रहने संबंधी जानकारी दे रहें हैं, वह सराहनीय कार्य हैं। डॉ. विक्रांत द्वारा निकाली जा रही। जन चेतना यात्रा को लेकर समझाईश दी की वे ईमानदारी से पिछडे लोगों की लड़ाई लड़े, में मामा बालेश्वर दयाल जी से जुड़ा हुआ अंतिम व्यक्ति हूं उनसे ही मैंने राजनीति सिख हैं, विक्रात से आशा करता हूं कि मामा बालेश्वर दयालजी के पदचिन्ह का अनुसरण करें व समाज के हम की लड़ाई लड़े। वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व सांसद कल्याणमल जैन ने सभा को संबंधित करते हुए कहा कि डॉ विक्रांत भूरिया की पत्नी को समझाइश देते हुए कहा कि आपके पति राजनीति के साथ साथ समाजसेवा के कार्य में लगे हुए हैं, यह एक पुनीत कार्य हैं, आप हमेशा इन्हें प्रोत्साहित करते रहें। जिससे की वे जनता की आवाज बनकर लोगो के दिलों में अपनी जगह बना सकें और व एक अच्छे राजनेता व समाजसेवी बनें। इस अवसर पर महती सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज जिस आदिवासी चेतना यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा हैं, कि मुझे प्रसंन्नता हैं, कि यह राष्ट्रचिन्तक एवं आदिवासी समाज के मसीहा मामा बालेश्वर दयाल जी की कर्म स्थली से प्रारंभ हुई हैं। साथ ही मुझे इस बात की प्रसन्नता हैं, कि इस यात्रा का नेतृत्व मेरे पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया कर रहें हैं। उनकी सोच व समझ की में सराहना करता हूं। इस बात से मुझे प्रसन्नता हैं, कि समाज की कुरीतियों को कैसे दूर करें व और हम व्यक्तिगत रूप से समाज एवं राष्ट्र के विकास की ओर कदम बढ़ाएं। इस यात्रा से युवा शक्ति को और अधिक उर्जा प्राप्त होगी और वे और अधिक संगठित होकर समाज एवं राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनेगें तथा क्षेत्र के विकास में आना उचित योगदान देगे। उन्होने से इस यात्रा की सफलता के लिये बहुत बहुत शुभकामनाए देते हुए कहा कि क्षेत्र की जनता का भरपूर प्यार व सहयोग डॉ विक्रांत भूरिया एवं साथियों को मिलेगा। इस अवसर पर डॉ विक्रांत भूरिया ने मंच एवं सदन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने जिस जन चेतना यात्रा का प्रारंभभ बामनिया से प्राप्त किया हैं, जिसका मूल कारण एक तपस्वी समाजवादी, एवं विचारक स्व.मामाजी का आशीर्वाद प्राप्त करना था, श्रद्धेय मामाजी न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, वे हम सब के मसीहा भी थे, आजादी के बाद उन्होंने आदिवासी समाज की जनजाग्रति के लिये जीवन पर्यंत प्रयास किए। उन्होंने कम पढ़े-लिखे गरीब व बेरोजगार आदिवासी समाज को प्रजातंत्र के मायने सिखाये थे। मामाजी ने हम सब में यह गौरव का भाव जगाया था, कि हम प्रजातंत्र के शासक हैं, और नौकरशाही हमारी सेवक हैं। आज बामनिया क्षेत्र में हम सब की आस्था व विश्वास के प्रेरणा स्त्रोत मामा बालेश्वर दयाल जी जैस विभूति उनकों नमन कर एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, आचार्य विनोब भावे, शहीद चंन्द्रशेखर आजाद, स्वामी विवेकानंन्द, विरसा मुंडा, और टंट्या भील को प्रणाम किया।
हम सभी वर्गो एवं समुदायों से मेल-जोल बढ़ाकर तथा संगठित होकर समस्यों के समाधान ढूंढने का ईमानदारी से प्रयास करेंगें। डॉ विक्रांत भूरिया ने अपने पिता को प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त करते हुए कहा कि जिस तरह सांसद भूरिया को आपका सहयोग और सम्मान मिला मुझे विश्वास हैं, कि वहीं आत्मीयता मुझे आपसे भी प्राप्त होगी। डॉ विक्रांत भूरिया ने आगेे कहां कि यह क्षेत्र मेरी जन्म भूमि भी हैं,और कर्मभूमि भी हैं, मुझे व मेरे परिवार को जो कुछ भी मिला हैं, उसके लिये में आप सभी को हृदय से धन्यवाद करता हूं, मैं उसको कभी भी नहीं भूल सकता हूं। साथ ही आपके सहयोग से दुख बांटने एवं खुशियां जुटाने का प्रयार इस यात्रा के माध्यम से कर रहा हूं। मैंं आप सब को आमंत्रण देता हूं, आप इस आदिवासी जन चेतना यात्रा का हिस्सा बने। मैं इस पावन कार्य की सफलता के लिये आप व मेरे साथीयों को आर्शीवाद प्रदान करे। कार्यक्रम के प्रारंभ में समाजसेवी प्रकाश रांका ने सभी उपस्थिति अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकों, समाजसेवियों व जनता स्वागत करते हुए कहां कि इस यात्रा के औचित्य कों विस्तार पूर्वक जानकारी दी तथा इस यात्रा की सफलता के लिये सभी से आग्रह किया। कार्यक्रम का संचालन मनीष गिरधाणी ने किया एवं इस अवसर पर एक आदिवासियों के अधिकारों की मार्गदर्शिका (पत्रिका) का भी विमोचन किया। बामनिया में आयोजन की सफलता के लिए विशेष रूप से पूर्व विधायक वलसिंग मेडा, जिला पंचायत सदस्य कलावती गेहलोत पूर्व जिला पंचायत सदस्य कलावती मेडा सलीम शेख (जिलामहामंत्री), सुभाष मांडोत,कमलेश बम,कयूम शेख,मनीष भट्ट सुभाष मेहता, आदि का विशेष योगदान रहा । इस मौके पर झाबुआ अलीराजपुर, धार, इंदौर, राजस्थान क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी एवं गणमान्य नागरिक एवं इलेक्ट्रानिक, व प्रिंट मिडिया की मौजूद रहे।

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