आज से प्रारंभ होगी नौ दिवसीय नमस्कार महामंत्र की आराधना

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झाबुआ। जैन धर्म में नवकार मंत्र को महामंत्र की संज्ञा दी गई है। नवकार मंत्र को ही सबसे श्रेष्ठ एवं सिद्ध फलदायक और कष्ट निवाकर महामंत्र बताया गया है। परम् पूज्य राष्ट्रसंत जैनाचार्य श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी मसा की पावन प्रेरणा से पूरे देश में नमस्कार महामंत्र की आराधना शुक्रवार से आरंभ होगी। इस दौरान विश्व शांति एवं जन कल्याण के लिए आराधकों द्वारा महामंत्र के लाखों जाप किए जाएंगे। पूर्णाूहति 30 अगस्त को होगी। चार्तुमास समिति के सह-सचिव निखिल भंडारी ने बताया कि चार्तुमास हेतु विराजित साध्वी रत्ना पुण्य दर्शना श्रीजी, हर्ष दर्शना श्रीजी एवं विरती दर्शना श्रीजी मसा के पावन सानिध्य में श्री नमस्कार महामंत्र की भव्य आराधना का आयोजन होने जा रहा है। नमस्कार महामंत्र की आराधना के अंतर्गत आराधक एकासना कर एक दिन में 20 माला अर्थात 2160 बार नवकार महामंत्र का जाप करेंगे। लगभग 70 आराधक इस भव्य आराधना में शामिल होंगे। आराधना के अंतर्गत प्रतिदिन सुबह साढ़े 6 बजे से रात्रि साढ़े 8 बजे आराधकांे द्वारा विभिन्न प्रकार की धार्मिक क्रियाएं की जाएगी। 3
नौ दिनो मंे एक लाख 36 हजार जाप किए जाएंगे
नौ दिवसीय आराधना के अंतर्गत आराधकों करीब 1 लाख 36 हजार जाप पूर्ण किए जाएंगे। नौ दिवसीय आराधना में आराधकों को 6 नियमों का पूर्ण पालन करना होता है। जिसमें पूर्ण ब्रह्राचर्य, एकासने का तप करना, सचित वस्तु का त्याग करना, जूते-चप्पल का त्याग करना तथा प्रतिदिन प्रभु पूजन, तीन समय का देववंदन, दो समय का प्रतिक्रमण एवं आरती करना आवष्यक है। नौ दिवसीय आराधना में प्रथम दिन कुंभ स्थापना, अखंड दीपक स्थापना, नमस्कार महामंत्रजी की तस्वीर की स्थापना, दादा गुरूदेव राजेन्द्र सूरीश्वरजी मसा के चित्र की स्थापना एवं वर्तमान आचार्य जयंतसेन सूरीश्वरजी मसा के चित्र की स्थापना की जाएगी। प्रतिदिन वासाक्षेप पूजन एवं नमस्कार महामंत्र तथा दादा गुरूदेवजी के चित्र पर माल्यार्पण किया जाएगा। साथ ही स्नात्र पूजन का भी आयोजन होगा।

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