[चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर]
आगामी लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र की मोदी ओर मध्यप्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार के पास कुछ हटकर काम दिखाने के लिए मात्र 90 दिन का समय मिला है ।आज 17 दिसंबर है और मार्च 2019 के दूसरे या तीसरे हफ्ते मे आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो जायेगा ओर उसी के साथ आदश॔ आचार संहिता लागू हो जायेगी । विगत लोकसभा चुनाव 6 चरणों मे हुऐ थे ओर इस बार चुनाव के चरण 8 से 12 हो सकते है सुत्र बताते है कि बीजेपी महाराष्ट्र सहित कुछ अन्य बीजेपी शाशित राज्यों के चुनाव भी 6 महीने पहले लोकसभा के साथ करवा सकती है । लिहाजा 8 से 12 चरणों तक लोकसभा चुनाव खींच सकते है । ओर ऐसा हुआ तो चुनाव पूरा अप्रैल ओर मई दोनो महीनो मे देश के अलग अलग इलाके मे होंगे ।
इस बार का चुनाव ” करो या मरो”
लोकसभा का चुनाव इस बार कांग्रेस ओर बीजेपी के लिए करो या मरो का होगा । मोदी के नेतृत्व मे बीजेपी ने देश की आजादी के बाद पहली बार खुद के बहुमत से सरकार बनाकर कांग्रेस को इतना पीछे धकेल दिया था कि कांग्रेस विपक्ष के नेता का पद तक नहीं पा सकी थी । अब तीन राज्यो के नतीजे के बाद बीजेपी थोडा बैकफुट पर नजर आती है नोटबंदी – जीएसटी के साथ किसान ओर बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार थोडा अलोकप्रिय हुई है वही राफेल पर सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट के बावजूद कांग्रेस हमलावर है ओर बीजेपी डिंफेसिंव नजर आ रही है है लेकिन सुत्र बताते है मोदी आसानी से हार मानने वाले राजनेता नही है लिहाजा वे ” राम – सेना – कज॔माफी” को हथियार बनाकर अगले लोकसभा चुनाव मे विपक्षी गठबंधन का सामना करेंगे । राम यानी संभव है कि अगर 19 जनवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने अगर राम मंदिर मसले की सुनवाई टाली तो मोदी सरकार कानून बनाकर अयोध्या मे राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन कर सकते है ओर वह भी खुद अयोध्या जाकर । सेना से आशय यह संभव है कि मिनी कारगिल -2 या सर्जिकल स्ट्राइक-2 टाइप कुछ हो जाये ओर वह भी चुनाव मे जाने के ठीक पहले ओर साथ ही 4 लाख करोड रुपये की किसान कज॔माफी की भी चर्चाऐ है । इधर कांग्रेस के पास हिंदी के तीन महत्वपूर्ण राज्य एमपी – राजस्थान ओर छत्तीसगढ़ मे किसान कज॔माफी – बेरोजगारो को भत्ता ओर अन्य लोकलुभावन योजनाओं को तुरंत लागू कर लोकसभा मे जाने का मोका है ओर कमलनाथ – अशोक गहलोत ओर भूपेश बघेल तीनो पर कांग्रेस आलाकमान का दबाव भी है कि जल्दी जल्दी फैसला ले ताकी लोकसभा मे फायदा हो .. उधर कांग्रेस साफ्ट हिंदुत्व के जरिऐ बीजेपी के कट्टर हिंदुत्व की काट करने की योजना पर काम कर रही है सुत्र बता रहे है कि राम मंदिर मसले पर कांग्रेस तटस्थ रहने के मूड मे है यानी मंदिर निर्माण का विरोध नही करेगी । ओर राफेल पर लगातार हमलावर रहकर मोदी सरकार पर हमला करती रहेगी ।
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