आग की लपटों-धधकते अंगारों के बीच से मन्नतधारी निकतले आस्था और विश्वास के भरोसे

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
आस्था और विश्वास की बदौलत आज चूल महोत्सव के दौरान श्रद्धालु नंगे पांव अंगारों पर चले और उफ्फ तक नही किया। होली पर्व के दूसरे दिन धूलेंडी के दिन शाम के समय ग्राम टेमरिया और करवड़ में चूल महोत्सव मनाया गया दोनों जगह करीब 300 श्रदालुओं ने चूल पर चल कर मन्नत उतारी।
हिंगलाज माता का स्मरण राह बनाती आसान-
चूल महोत्सव के तहत श्रद्धालु अपनी आस्था को प्रकट करने के लिए जलते हुए अंगारों पर नंगे पैर चले जिन श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होती है वे हिंगलाज माता का स्मरण करते हुए चूल पर चलते हैं।
चूल महोत्सव को देखने जुटे हजारों-
टेमरिया में शिव पार्वती मंदिर पर और करवड़ में भगवान शंकर के मंदिर के सामने एक 15 फीट लम्बा गड्ढा खोदा गया जिसमे लकडी को जला कर अंगारे बनाए गये जिन पर नंगे पैर श्रद्धालु चलते है जिसमे महिलाएं व बच्चे भी शामिल है और उनके पैरों में कुछ भी नहीं होता ह।
वर्षो से निभा रहे परम्परा-
कई मन्नतधारी तो वर्षों से इस चूल पर चलते आ रहे हैं, चूल पर मन्नते पुत्र की प्राप्ति, बीमारी दूर होना आदि ऐसी मन्नते हैं जिनके पूर्ण होने पर मन्नत धारी अपनी मन्नत उतारते हैं हाथ में कलश लिए अंगारों पर चलना यह दृश्य वाकई श्रद्धा और आस्था का अनूठा उदाहरण होता है। करवड़ में तो बारह वर्षीय छात्र परीक्षा में उतीर्ण होने पर चूल से भी निकला।

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