अशिक्षा व सरकारी तंत्र की लापरवाही से सडक पर प्रसव

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screenshot_2016-09-21-15-15-45 झाबुआ लाइव के लिए कुंदनपुर से अंतिम ठाकुर की रिपोर्ट
अशिक्षा एंव सरकारी तंत्र की लापरवाही आज एक प्रसूता और उसके नवजात बच्चे पर भारी पड़ गई। नवजात की तुरंत ही मौत हो गई जबकि प्रसुता खतरे से बाहर है। मामला झाबुआ जिले के राणापुर विकासखंड के कुंदनपुर गांव का है। दरअसल कुंदनपुर से महज 7 किमी दूर गांव उबेराव के कालूसिंह उम्र 27 वर्ष अपनी 7 महीने की गर्भवती पत्नी लीलाबाई उम्र 25 वर्ष के साथ रोजगार की तलाश में गुजरात जाने के लिए घर से निकला ओर गुजरात से सटे कुंदनपुर गांव पहुंचकर गुजरात ले जाने वाली यात्री जीप का इंतजार करने लगा । इसी दोरान करीब 10 बजे सुबह अचानक लीलाबाइ को प्रसव पीडा शुरु हो गयी लेकिन पास में ही बने उप स्वास्थ्य केंद्र में कोई मौजूद नहीं था। लिहाजा प्रसव पीडा बढते देख चौराहे पर ही लीलाबाई लेट गई इस दौरान कुछ ग्रामीण महिआएं आ गई और प्रसव में सहयोग करने लगी। लेकिन इसे अशिक्षा ही कहेंगे कि ग्रामीण महिलाओं ने लीलाबाई के पति को उसका पेट दबाने के लिए कहां ओर इसका परिणाम यह हुआ कि बच्चा तो बाहर निकल गया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। इस घटनाक्रम के बाद प्रसुता को उसके परिजन अस्पताल ना ले जाते हुए घर ले गये। इस संबंध मे प्रसुता के पति कालूसिंह का कहना है कि हम मजदूरी करने गुजरात जा रहे थे लेकिन कुंदनपुर मे चौराहे पर दर्द उठ गया नतीजा सबक पर ही डिलेवरी हो गयी । यह घटनाक्रम इतनी जल्दी हुआ कि 108 को बुलाने का समय भी नही मिला। वही ग्रामीण कहते है कि कुंदनपुर का उप स्वास्थ्य केंद्र एक साल से निर्माणाधीन है इसलिए ताला रहता है आज ही यही हाल थे ओर जो एएनएम आती है कभी कभी वह भी आज अवकाश पर थी । वही इस पूरे मामले मे जिला मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एके शर्मा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान मे है जांच की जाएगी लेकिन अभी उबेराव पहुंचकर हमारी बीएमओ ने महिला का परीक्षण करवा लिया है महिला को एडमिट होने को भी कहा गया था मगर वह तैयार नही है । सीएम एचओ ने बताया कि महिला 9 वी बार गर्भवती थी और यह 7वीं बार उसका आधा अधूरा बच्चा हुआ है लेकिन हम इस बात की जांच करेंगे कि हमारी आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिकाओं ने काउंसलिंग की या नहीं।

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