अब 10 रुपए के सिक्के के नकली होने की अफवाहों ने पकड़ा जोर, दुकानदार-ग्राहक असमंजस में

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झाबुआ लाइव के लिए खवासा से अर्पित चोपड़ा की रिपोर्ट-
नोटबंदी के बाद एक ओर जहां लोग घंटों लाइन में लगकर अपने नोट एक्सचेंच करवा रहे हैं, वही दूसरी ओर 10 के सिक्कों के नकली होने की अफवाह ने लोगों की समस्या में और इजाफा कर दिया है। बाजार में 10 के सिक्कों के नकली होने की अफवाह के चलते ग्रामीण 10 के सिक्के लेने से इंकार करने लगे है और जो ग्राहक व्यापारियों से 10 के सिक्के ले रहे है वे कतिपय कुछ व्यापारियों द्वारा सिक्के को नकली बताकर लेने से इनकार करने के कारण वापस व्यापारी को लाकर दे रहे हैं। इससे बाजार में भ्रम की स्थिति बन रही है और जो व्यापारी ग्राहक से इन सिक्कों का लेनदेन कर रहे है उनके यहां विवादित स्थिति बन रही है। ऐसे व्यापारियों से ग्राहक अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वास्तविकता में सिक्के नकली है या असली, जिन सिक्कों को नकली बताया जा रहा है वे सन् 2010 या उससे पहले मुद्रित है। सिक्के को नकली बताने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि उस पर रुपए का चिन्ह (₹) अंकित नहीं है और उसपर 15 रेखाएं बनी है जबकि इसके बाद मुद्रित सिक्कों पर रूपए का चिन्ह है और रेखाएं भी 10 बनी हुई है।
मुद्रा-
जिन सिक्कों को कतिपय कुछ लोग मुद्रा चिन्ह न होने के कारण नकली ठहरा रहे है तो यहां उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने मुद्रा (₹)  चिन्ह 15 जुलाई 2010 को सार्वजानिक किया था। ऐसे में उन सिक्कों पर मुद्रा (₹) चिन्ह न होना लाजमी है। सिक्कों में जो भी अन्य असमानताएं है वे समय के साथ बदलाव का नतीजा भी हो सकती है। हालांकि सिक्के नकली है या असली इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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