अब चेक देने के पहले अच्छी तरह सोच समझ ले, क्योंकि कल आ गया है और कड़ा कानून

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अब्दुल वली पठान, झाबुआ
चेक बाउंस होने की स्थिति में चेक मिलने वाले को और अधिक राहत प्रदान करने वाला (परक्राम्य लिखत संशोधन) विधेयक- 2017 (नेगोशियेबिल इंस्ट्रूमेंट अमेंडमेंट बिल) लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि समय-समय पर संबंधित कानून में संशोधन होता रहा है और जरूरत पडऩे पर आगे भी होगा। इसका सीधा मतलब यह होगा कि चेक बाउंस होने की सूरत में आरोपी की तरफ से पहले ही चेक पर अंकित राशि की 20 फीसदी रकम अदालत में जमा करानी होगी।अगर निचली अदालत में फैसला आरोपी के खिलाफ आता है और वह ऊपरी अदालत में अपील करता है तो उसे फिर से कुल राशि की 20 फीसदी रकम अदालत में जमा करानी होगी। मंत्री ने उम्मीद जताई कि इस प्रावधान की वजह से चेक बाउंस के मामलों पर अंकुश लगेगा और अदालतों पर चेक बाउंस के मुकदमों का बोझ कम होगा।
शिव प्रताप शुक्ल ने सदन को बताया कि मौजूदा समय में देश भर की निचली अदालतों में चेक बाउंस के करीब 16 लाख मुकदमें चल रहे हैं। इससे पहले विधेयक पेश करते हुए मंत्री ने कहा था कि चेक मिलने वाले को राहत देने के उद्देश्य से इस विधेयक में पर्याप्त उपाय किये गये हैं, इससे चेक की विश्वसनीयता और बढ़ेगी। सदन ने ध्वनि मत से इस विधेयक को पारित किया।

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