अधिकारी एसी में और मरीज एवं उनके परिजन गर्मी में

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जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाआ पर जिला कांग्रेस नेता एवं जिपं अध्यक्ष ने जताई नाराजगी
झाबुआ। जिला चिकित्सालय झाबुआ को आईएसओ का दर्जा मिले कई महीने हो चुके है, लेकिन यहां जो सुविधाएं, मरीजों एवं उनके परिजनों को मिलना चाहिए, वह आज भी नहीं मिल रहीं है। भीषण गर्मी में जहां स्वास्थ्य विभाग के जवाबदार अधिकारी अपने कक्षों में एसी में बैठने का मजा ले रहे है वहीं मरीजों एवं उनके परिजनों के गर्मी के मारे हाल बेहाल हो रहे है।यह बात जिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने कहीं। सुश्री भूरिया ने बताया कि जिला चिकित्सालय को आईएसओ दर्जा मिलने के बाद भी आज यहां मरीजों एवं उनके परिजनों को कई तरह की परेशानियांे का सामना करना पड़ रहा है। पंजीयन कक्ष पर पंजीयन के लिए एक ही काउंटर होने से मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी देर तक लाईन में खड़े रहना पड़ता है वहीं ओपीडी कक्षों के बाहर भी बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होने से उपचार के इंतजार में मरीज परेशान होते देखे जाते है। बिजली गुल होने पर एक्स-रे एवं सोनोग्राफी कार्य भी बंद हो जाता है, जबकि चिकित्सालय के परिसर में 2-3 बड़े जनरेटर पड़े हुए है। वर्तमान में वे उपयोगहीन साबित हो रहे है। लेब विभाग में टेक्निशियनों के पद रिक्त है, जिससे यहां कार्य करने वाले अन्य कर्मचारियों को परेशानी होती है। वार्डों में स्थिति यह है कि एक पलंग पर दो-तीन मरीजों को सुलाकर उपचार किया जा रहा है। कई बार मरीजों को जमीन पर भी सुलाया जाता है।
गर्मी के मारे हाल हो रहे बेहाल
सुश्री भूरिया ने कहा कि एक तरफ स्वास्थ्य विभाग के जवाबदार अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन अपने कक्षों में एससी, कूलर एवं पंखे की ठंडी हवा मं आराम फरमाते है वहीं विभिन्न वार्डों में पंखे बंद पड़े है, जिससे भर्ती होने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों के हाल बेहाल हो रहे है। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रहीं है।
पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा
सुश्री भूरिया ने आगे बताया कि जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को पानी की समस्या से भी अक्सर परेशान होना पड़ता है। पानी के लिए जो वाटर कूलर लगे है, वह तेज धूप में रख दिए गए है, जिनसे उनसे गर्म पानी आने से इसका पानी कैसे पीया जाए। दूसरी ओर इनकी सफाई की ओर भी नियमित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई वाटर कूलर भंगार अवस्था में भी पड़े है। इस कारण मरीजों एवं उनके परिजनों को बाहर से होटलों एवं हैंडपंप से पानी भरकर लाना पडता है।

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