अधिकारियों के दुर्व्यवहार से नाराज किसानो ने लगाई कलेक्टर से गुहार; नायब तहसीलदार वंदना किराड़ पर नक्सली बोलने का तो पटवारी अखिलेश शर्मा गुमराह कर अंगुठे लगवाने का लगाया आरोप
सुनील खेड़े@जोबट
– ग्राम पंचायत किला जोबट के सैकड़ों किसानो ने कलेक्टर के समक्ष आवेदन देकर शिकायत दर्ज कारवाही जिसमे कहा गया कि नगर पंचायत जोबट द्वारा प्रशानिक सहयोग से कचरा फेकने के लिये जमीन अधिग्रहण करी जा रही है,जबकि इस जमीन पर 1941 से दिप सिंह, महबूब सिंह और मगर सिंह का कब्जा है ये भुमि विहीन है अन्य कोई जीवन यापन करने का साधन नही है । शिकायत में बताया कि एक वर्ष पहले 07.08.18 को वेस्ता मेहड़ा द्वारा आवेदन देकर अनुरोध किया था उक्त जमीन को छोड़कर अन्य जमीन का चयन किया जावे पर उसका भी कोई निराकरण नही हुआ और तत्कालीन पटवारी अखिलेश शर्मा द्वारा कब्जाधारियों को उड़द का मुआवजा मिलेगा। झूठ बोलकर अंगूठे लगवा लिए नगर पंचायत में नगर पंचायत में बुला कर। 05 मार्क्च दोपहर 2 बजे एसडीएम,तहसीलदार, नायब तहसीलदार प्रशानिक अमले और पुलिस को लेकर अचानक मोके पर पहुंचे और जेसीबी मशीन से खुदाई चालू करवा दी जिसका विरोध गाँव वालों ने किया ओर कुछ महिलाओं ने जेसीबी मशीन रोकने को कहा तो महिला पुलिस और नायब तहसीलदार ने उनके साथ धक्का मुक्की की और नायब तहसीलदार द्वारा नक्सली शब्द का उपयोग किया गया।
*पाचवी अनुसूची 244(1) और पैसा एक्ट 1996 का दिया हवाला*
पाचवी अनुसूची के अनुसार जहा आदिवासी समुदाय का स्व -शासन निहित है वहा भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदिवासीयो के जल जंगल जमीन के मालिकाना हक के लिये कई जजमेंट दिए है पर प्रशासन की लापरवाही के कारण हम जैसे कब्जाधारीयो को मालिकाना हक नही मिल पाता। पैसा एक्ट के अनुसार लोकसभा विधानसभा से भी उची ग्राम पंचायत को दर्जा दिया गया है जिसके अनुसार कोई भी सरकारी या गैर सरकारी जमीन बिना पंचायत के अनुमति के किसी को प्रदान नही की जा सकती किन्तु उक्त भूमि बगैर अनुमति के नगर पंचायत को कचरा फेकने के लिये देदी है जिससे आसपास का वातावरण दूषित होगा और गंभीर बीमारी होने के आसार बने रहेंगे।
*निराकरण न होने की दशा में करेंगे आंदोलन*
ग्राम वासियो द्वारा बताया गया कि दो दिन के अंदर निराकरण नही हुआ तो चरण बद्ध तरीके से आंदोलन और हड़ताल की जाएगी।
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