झाबुआ ”आजतक” के लिए अब्दुल वली पठान की रिपोर्टः 22 फरवरी को झाबुआ जनपद क्षेत्र के ग्राम बिसोली में हुई मतगणना के बाद जो सरपंच विजय हुआ उसके बदले पराजित सरपंच उम्मीदवार को प्रमाण पत्र सौंप देने का मामला सामने आया है।
प्रभावित उम्मीदवार ने इस संबंध में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर राज्य निर्वाचन आयोग से भी पीठासीन अधिकारियों द्वारा गणना के परिणाम प्रारूप 17 के मुताबिक विजय होने का प्रमाण पत्र दिलवाने की मांग की है। लेकिन मामले में जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं होने और मतगणना स्थल पर पराजित घोषित किए गए सरपंच पद के उम्मीदवार को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने को लेकर अब न्यायालय जाने का मन बनाया है, जिससे की उन्हें उचित न्याय मिल सकें।
मतदान केंद्र पर ही हुई थी मतगणना:
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार पंच-सरपंचों के वोटों की गिनती मतदान केंद्रों पर की गई थी एवं ग्राम पंचायत बिसोली को लिए भी पीठासीन अधिकारी द्वारा तीन बूथों में हुए मतदान की गणना की गई थी, जिसमें सरपंच पद के लिए पांच उम्मीदवारों एवं एक नोटा समेत छह लोगों को वोट दिए गए थे, जिसमें मतदान केंद्र 31 पर भूरीबाई पति भारत को 244 वोट एवं रंगाबाई पति भारत निनामा को 115 मत प्राप्त हुए थे, वहीं मतदान केंद्र 32 में भूरीबाई पति भारत को 94 एवं रंगा पति भारत निनामा को 158 मत प्राप्त हुए थे।
इसी प्रकार मतदान केंद्र 33 में भूरीबाई पति भारत को 197 एवं रंगाबाई पति भारत निनामा को 45 मत प्राप्त हुए। इस प्रकार इन दोनों प्रत्याशियों को प्राप्त मतों की गणना जिस प्रकार पीठीसीन अधिकारी ने की थी उस प्रकार भूरीबाई पति भारत को 535 एवं रंगाबाई पति भारत निनामा को 318 वोट मिले थे और यह प्रारूप-17 में इन मतों को दर्शाते हुए पीठासीन अधिकारी ने सील लगाकर मतदान केंद्र पर अभ्यर्थियों को प्रदान कर दी थी और इस इस प्रारूप 17 के अनुसार भूरीबाई पति भारत राठवा को अधिक मिले जिसके अनुसार उसे सरपंच निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दिया जाना था, लेकिन 26 फरवरी को जब भूरीबाई प्रमाण पत्र लेने के लिए पहुंची तो प्रमाण पत्र रंगाबाई पति भारत निनामा के नाम से थे जिसके चलते उसे निराशा हुई और उसने 27 फरवरी को कलेक्टर बी चंद्रशेखर को आवेदन सौंपकर इस त्रुटि से अवगत करवाया।
जाएंगे न्यायालय की शरण में:
ग्राम पंचायत बिसोली में जिस प्रकार के वोट भूरीबाई को ग्रामीणों ने दिए हैं उससे भूरीबाई को विश्वास है कि वह विजय हुई है और प्रारूप-17 के अनुसार भी उसे अधिक वोट मिले हैं जिसके चलते भूरीबाई इस मामले में हुई त्रुटि को लेकर काफी निराश है और उसने कलेक्टर को आवेदन देने के बाद भी अगर उसे न्याय नहीं मिल पाता है तो न्यायालय में जाने के लिए तैयार है। उसे विश्वास है कि ग्राम के विकास के लिए ग्रामीणों ने इस बार उसे अधिक मत देकर सरपंच बनाया है, लेकिन कही पर त्रुटि हुई है और उसके चलते प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। भूरीबाई ने कहा कि इस प्रकार की त्रुटि के चलते वह फिर से गांव के विकास नहीं करने वाले सरपंच को काबिज नहीं होने देंगी।