अजय मोदी & योगेंद्र राठौड़ @ ग्राउंड जीरो से
पाकिस्तान मे गधे इंसानो को ढोकर वहां की बेरोजगारी दूर कर रहे है उससे उलट भारत के मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के नम॔दा किनारे सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र के दो गांवो “सुगट ओर चमेली ” मे गधे इंसानो की प्यास बुझा रहे है .. जी हां अगर इन दोनो गांवो मे 300 गधे ना होते तो इन दोनो गांवो के लोग प्यासे ही मर जाते .. यह कहानी है मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के नम॔दा किनारे सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र के दो गांवो सुगट ओर चमेली की .. एक पहाडी पर सुगट गांव है तो दुसरी पहाडी पर चमेली गांव है दोनो ही गांवो के 90 – 90 परिवार ऐसे है जो पहाड पर रहते है जहां पेयजल या पानी का कोई स्रोत नही है दोनो गांवो की पहाड़ियों के बीच एक बडा नाला बहता है जो गर्मियों मे सुख जाता है ओर इसी सुखे नाले के कोने मे एक 15 फीट का कुंआ है जहां गर्मियों मे पानी लगभग समाप्त हो जाता है केवल एक आव है जो दस मिनट मे एक बाल्टी पानी भरती है ओर उसे भरने के लिए रस्सी से किसी को नीचे उतरना पडता है ओर वह बत॔न से बाल्टी को भरता है ओर फिर बाल्टी को ऊपर खींचकर पानी की कैनो को भरा जाता है ओर फिर दो कैनो को गधो पर लादकर पहाडी पर अपने गांव – घर तक लाया जाता है गांव के गुलसिंह कहते है कि हमारी 5 पीढियाँ इसी तरह से गधो से पानी ढ़ोते आयी है मगर सरकार ने हमे हमारे हाल पर छोड़ दिया है गुलसिंह कहते है कि सरकार ने हमारी मदद नही की लेकिन गधो ने हमे जिंदा रखा हुआ है .. गांव की युवती झेंगाबाई कहती है कि हम रात 3 बजे से आ जाते है ओर करीब 10 बजे सुबह तक हमे पानी मिलता है लेकिन मजबूरी है इसलिऐ जुटना पडता है ।
नही होते शादी समारोह – मोदी के सपनो के पीएम आवास पर भी ग्रहण
सुगट ओर चमेली गांव झंडाना ग्राम पंचायत के अंतग॔त आते है पंचायत के सरपंच पति ओर पंचायत के रोजगार सहायक भुरसिंह कहते है कि पेयजल की इस गंभीर समस्या के चलते हमारे गांव मे लड़को की शादी लगभग ना के बराबर होती है ओर अगर किसी की किस्मत से हो भी जाये तो शादी समारोह नही होता क्योकि उसमे मेहमान इकट्ठा होते है ओर खाना पीना होता है ओर चुंकि पानी नही है इसलिऐ यह समारोह दोनो गांव मे नही होते है .. भुरसिंह यह भी कहते है कि सरकार ओर अधिकारियो ने पीएम आवास एलाट कर दिए लेकिन हम समय सीमा मे नही बनवा सकते है क्योकि पानी ही नही है इसलिऐ संभव नही है ।
चिराग तले अंधेरा कहावत चरिताथ॔ हो रही है –
दिलचस्प बात यह है कि चमेली ओर सुगट गांव गुजरात मे नम॔दा नदी पर बने सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र मे आते है ओर नम॔दा नदी से थोडी ही दुरी पर बसे है । सरकार इस गांव को डूब क्षेत्र का गांव मानकर बुनियादी सेवाऐ उपलब्ध करवाने से बचती आयी है इसलिऐ यह हालत है गांव के बुजुर्ग कहते है हमारा कोई नही है ना सरकार – ना प्रशाशन – ना नेता .. हमारे तो बस गधे है जो हमे जिंदा रखने मे मददगार है ।
इस संबंध मे अलीराजपुर कलेक्टर सुरभी गुप्ता का कहना है कि आपके बताया है मामला दिखवाती हूं।
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