अंधविश्वास ग्रामीणों पर हावी : 5 घंटे तक तांत्रिक के घर के आंगन में रखा रहा महिला का शव

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पुलिस व ग्रामीण

झाबुआ लाइव के लिए पिटोल से भूपेंद्रसिंह नायक की रिपोर्ट-
अंधविश्वास के चलते पिटोल में तांत्रिक (जिसे कि जिलेवासी बड़वा कहता है) के यहां इलाज कराने पहुंची एक महिला की जान चली गई। इसके बाद मानवता को शर्मसार करने वाला घटनाक्रम चलता रहा पांच घंटे तक महिला के परिजनों व उसके गांव के लोगों ने महिला के शव को तांत्रिक के घर के आंगन में घंटों पड़ा रखा। इस दौरान पुलिस भी पहुंच गई आसपास के ग्रामीण एकत्रित हुए। महिला के गांव के लोग इस बात का इंतजार करते रहे कि किसी तरह महिला की मौत की एवज में कुछ लेन-देन की पुख्ता बात हो जाए। आखिरकार पुलिस की समझाइश व आपसी विवाद के बीच दोपहर 1 बजे महिला के शव को ग्रामीण अपने गांव गेहलर ले गए। उन्होंने पुलिस को दिए एक आवेदन में महिला के शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
दरअसल समीपस्थ ग्राम गेहलर की महिला पुना पति कालू भाबोर को उसके परिवार के लोग अस्पताल न ले जाते हुए पिटोल में एक तांत्रिक चतरा पंडा के यहां लेकर पहुंचा। वजह यह थी कि महिला कुछ दिनों से कुछ असामान्य सा व्यवहार कर रही थी उन्हें इस बात की आशंका थी कि महिला को भूत लग गया है। महिला के पति व ग्रामीणों का आरोप था कि बड़वे ने महिला के मुंह में एक बड़ा नींबू रखा जिसे उसने मुंह में जोर से दबाया ओर तांत्रिक क्रिया करने लगा 10 मिनट तक महिला के मुंह में नींबू रखने से महिला का दम घुटा ओर उसकी सांसें थम गई। महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला हुआ शांत-
घटना के बाद पुलिस को जैसे ही खबर मिली पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचते गए। पिटोल चौकी प्रभारी नवीन पाठक अपने पुलिस बल, तो वहीं झाबुआ से थाना प्रभारी आरसी भास्करे और इसके पश्चात एसडीओपी परिहार मौके पर पहुचें जिन्होने महिला की मौत से गुस्साएं परिवार व गांव के लोगों को समझाया। साथ ही बढ रहे तनाव को मौके पर ही शांत करने मे महत्ती भूमिका निभाई।
पुलिस व जनप्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त की-
घटना के बाद तांत्रिक के घर एकत्रित हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर कब जागरुक होगा आदिवासी समाज ? हैरानी की बात है कि देश 21वीं सदी में तरक्की कर भारत विकसित देशों से मुकाबला कर रहा है। वहीं जिले का आदिवासी समाज आज भी अंधविश्वास के मकडज़ाल में उलझकर रह गया है। खासकर समाज में किसी भी होने वाली घटना-दुर्घटना के बाद मृत्य हुए व्यक्ति के परिजन गांव वाले परम्परा अनुसार जिम्मेदारों से मौताणा वसूलते हैं जो अब यह नासूर बनती जा रही है।
परिवारजनों ने पुलिस को कार्रवाई से रोका-
चौकी प्रभारी नवीन पाठक ने बताया कि सूचना मिलने के बाद ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कथित तांत्रिक छतरा पंडा को पकड़ लिया था किन्तु महिला के परिवार से दिए आवेदन में उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि महिला बीमार थी जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई और अब वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते है। पंडा नें पुलिस को बताया कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे महिला की मौत हुई वह बीमार थी। थाना प्रभारी पाठक ने बताया कि पूछताछ के बाद बयान लेकर तांत्रिक पंडा को भी छोड़ दिया जाएगा।

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