झाबुआ- पिछले नौ दिनों से अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रही संविदा महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को काले दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान हड़ताल पर बैठी महिलाकर्मी अपनी मांग की ओर सरकार का ध्यान आकर्षण करवाने एवं अपनी मांग पूरी करवाने के लिए काले कपड़े पहनकर आई थी और अपने हाथों को काली रस्सी से जकड़ रखा था। इन संविदा महिला स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि भले ही सरकार अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हुए महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बात कहते हो लेकिन अभी भी सरकार महिलाओं में भेदभाव कर रही है। कुछ महिलाओं को तो उन्होंने नियमित रोजगार दिया हुआ है लेकिन अभी भी हजारों की संख्या में महिलाकर्मी संविदा यानी अनुबंध पर काम कर रही है। पिछले दस वर्षों से अनुबंध पर काम करने के बाद भी उन्हें अभी तक रोजगार की सुरक्षा प्राप्त नहीं हो सकी है और न ही उनका वेतन बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में यह लग रहा है कि महिलाएं शासन के अनुबंध के तले बंधी हुई है और वह बंधवा मजदूर की तरह कार्य कर रही है। महिला दिवस पर उनकी यह मांग है कि शासन उनकी यह मांगे मानकर उन्हेंं अनुबंध के बंधन से मुक्त करे।
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