पश्चिमी मप्र के आदिवासी अंचल झाबुआ जिले के पेटलावद के सारंगी चौकी के अंतर्गत आने वाले एक ग्राम में एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक रेप पीड़िता द्वारा अपने ही 4 दिन के नवजात बच्चे को मामा के साथ मिलकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। घटना को ऐसे विभत्स तरीके से अंजाम दिया गया, जो हम बता भी नही सकते है।
हर किसी का इस वारदात को लेकर कलेजा पसीज गया, मगर अपनी कोख से जन्म देने वाले बच्चों को मौत के आगोश में सुला देने वाली मां का दिल रत्ती भर भी नहीं पसीजा। भला वो कैसी मां होगी जो अपनेे 4 दिन के बच्चे को अपने दूध के लिए तरसा दे।
पुलिस ने इस मामले में नवजात बच्चे की मां सहित उसके मामा और मामी के ऊपर धारा 302 के अलावा अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर उन्हे गिरफ्तार भी कर लिया है।
*मामला दुष्कर्म से जुड़ा हुआ:*
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है। दरअसल, दिसंबर 2022 को एक 19 वर्षीय बालिका पुलिस थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराती है कि उसके साथ एक युवक ने दुष्कर्म किया और उसी का बच्चा उसके गर्भ में है। इसके बाद पुलिस इस मामले में धारा 376 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज करती है और युवक को गिरफ्तार कर लेती है। न्यायालय द्वारा आरोपी युवक गणेश गामड़ (26) को जेल भेज दिया जाता है।
*साक्ष्य एकत्रित करने के लिए पुलिस पीड़िता से कर रही थी बार बार सम्पर्क:*
इस पूरे मामले को लेकर पुलिस को कोर्ट में साक्ष्य एकत्रित करकर कोर्ट में पेश करना थे। चूंकि बालिका गर्भवती थी इस कारण से बच्चे के जन्म होने के बाद उसकी डीएनए रिपोर्ट इस मामले में काफी अहम कड़ी साबित होती, इसलिए पुलिस रेप पीड़िता बालिका के परिजनों से लगातार संपर्क में थी।
*पीड़िता ने रच दी उसी के गर्भ से जन्म लेने वाले बच्चे की मौत की साजिश:*
रेप पीड़िता बचपन से ही अपने मामा के घर रह रही थी तो इस बीच उसने उसके मामा और मामी के साथ मिलकर इस बच्चे को मारने की साजिश रच दी। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पहले तो पीड़िता ने उस नवजात बालक को 4 दिन तक अपने दूध से महरूम रखा और उसके बाद 25 जनवरी को इस पूरे विभत्स हत्याकांड को अंजाम दे दिया।
पुलिस ने जब 5 फरवरी को परिजनों से संपर्क किया तो उन्होंने बच्चे के जन्म होते ही मृत होने की कहानी पुलिस के सामने रख दी।
*पुलिस को ऐसे समझ आया पूरा मामला:*
अब पुलिस को शंका हुई और फिर पुलिस ने अलग अलग बिंदुओं और सभी से पूछताछ की तो सबके बयानों में अंतर आया। अब पुलिस को यह स्पष्ट हो गया था कि उस नवजात बालक की इन्होंने हत्या कर दी है। इसके बाद पुलिस ने सख्ती से इनसे पूछताछ की तो आखिर में यह सब टूट गए और पूरी घटना को केसे अंजाम दिया यह बताया।
इसके पुलिस ने जहां बच्चे को मारने के बाद गाड़ा था उस जगह खुदाई करकर बच्चे का शव निकाला गया और मर्ग कायम कर पीएम के लिए भेजा।
*पीएम रिपोर्ट हैरान कर देने वाली थी:*
जब पुलिस के पास पीएम रिपोर्ट आई तो हैरान कर देने वाली थी। पीएम रिपोर्ट में बच्चे की गर्दन की हड्डियां पीछे से टूटी पाई गई, जिसे मेडिकल फील्ड में c1/c2 ज्वाइंट टूटना कहा जाता है।
*इस हत्याकांड के पीछे यह कारण आ रहे सामने:*
इसमें पूरे हत्याकांड में कारण यह निकलकर सामने आ रहा है कि रेप की घटना के बाद जन्म हुए उस बच्चे को कोन पालता और उन्हे इसे अपनी जायदाद में से हिस्सा देना पड़ता। बताया यह जा रहा है कि कलयुगी मां ने बच्चे के गले पर अपना पैर रखकर उसे दर्दनाक मौत के हवाले कर दिया।
कुलमिलाकर कसूर उस बच्चे का नही था जो दुष्कर्म की घटना के बाद जन्म लेकर दुनिया में आया था, कसूर तो उस सोच का है जिसने उस मासूम को दुनिया देखने से पहले ही दुनिया से खत्म कर दिया। एक ऐसी सोच जिसने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया।
*लगातार सामने आ रहे ऐसे सनसनीखेज मामले:*
झाबुआ जिले में रोज ऐसे मामले सामने आ रहे है, जिससे मानवता से लोगो का विश्वास ही उठ जाए। कभी कोई निर्दयी मां अपने बच्चे को 6 महीने में ही अल्पविकसित भ्रूण को जन्म दिलाकर मार देती है तो कभी कोई निर्दयी मां 9 महीने बच्चे को पेट में रखने के बाद जन्म देते ही उसे जंगलों में फेककर चली जाती है। ऐसी कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी है।
*नवजात बच्चे के कत्ल का दोषी कौन?*
ये हमारे समाज की एक ऐसी भयानक तस्वीर है जहां किसको दोष दें और किसको नहीं ये समझ ही नहीं आता। एक लड़की छोटी उम्र में बिन ब्याही मां बन जाती है। बच्चा उसके पेट में होता है। अब सवाल ये है कि लड़की क्या करे? समाज की परवाह या फिर अपने बच्चे की? पिछले करीब 6 दिनों में ही तीन अलग-अलग जगह से ऐसी खौफनाक वारदातें सामने आईं हैं जहां ऐसी लड़कियों ने बच्चों को पैदा करते ही बेरहमी से मार डाला या उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया। वजह साफ थी समाज का डर और खुद की जिम्मेदारी से भागना।
जब ऐसी खबरे सामने आती है कि एक मां ने नवजात बच्चे को मौत दे दी तो कानों को यकीन नहीं होता। नहीं मानता दिल कि मां भी कातिल हो सकती है, वो भी उस नवजात की जिसने बस अभी पूरी तरह से आंखे भी नहीं खोली। जो बस अभी-अभी खुद उसी मां के पेट से बाहर आया है, जो उसकी हत्या करने के लिए तैयार बैठी हो और मौका देख उसे बेरहमी से मौत के घाट उतार दे।
इनपुट: सलमान शैख/पेटलावद