2016 में हुए बहुचर्चित धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय का आया फैसला; न्यायाधीश ने सुनाई यह सजा …

May

झाबुआ Live Desk

आज झाबुआ कोर्ट के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आर.के शर्मा ने धोखाधड़ी के मामले में अपना फैसला सुनाया है। जिसमें आरोपियों को उन्होंने कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। जानकारी के मुताबिक सत्र प्रकरण कमांक – 20/2017 में पारित निर्णय अनुसार ग्राम उदयगड़, लबानिया फलिया, जिला – अलीराजपुर निवासी दिलीप पिता कलमसिंह मुवेल, आयु- 34 वर्ष को पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप का दोषी करार देते हुए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420 के अधीन सात वर्ष सश्रम कारावास एवं 10,000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

गया। प्रकरण का संचालन, जुवानसिंह डावर, अपर लोक अभियोजक द्वारा किया।

यह है पूरा मामला

कि फरियादी शंकर पिता महेश परमार, ने दिनांक 30.09.2016 को थाना – झाबुआ में इस आशय का लेखी आवेदन प्रस्तुत किया कि दिलीप मुवेल जो कि उनकी मुलाकात भोपाल में हुई थी, और वे साथ में पढ़ाई करते थे, पर उसक परिवार साथ में रह रहा था तो वह चार पांच माह साथ में रह रहे थे और पढ़ाई भी उन्होंने साथ में की थी, उसके बाद वे अलग हो गये। जब चार-पांच साल बाद अचानक उनकी मुलाकात भण्डारी पम्प पर हुई ते उसने कहा कि शंकर तू क्या कर रहा है, तो उसने कहा कि कुछ नहीं घर पर काम कर रहा हॅू तो उसने फोन नम्बर दिये और उसने उसको फोन नम्बर दिये, उसके 15-20 दिन बाद फोन आया और दिलीप मुवेल ने उसे बोला झाबुआ एस.पी. ऑफिस में पद खाली है तो उसने कहा कि ठीक है, उसने उसे 1 लाख रूपये लगेंगे तो उसने कहा कि ठीक आधे रूपये देता हूँ तो उसने कहा ठीक है, तो उसने 30-35 हजार रूपये दे दिये, उसके बाद उसने कहा कि तुम्हारा आदेश आ गया है, और सर पैसे मांग रहे हैं पैसे देने के बाद आदेश मिलेगा तो उन्होंने फिर 30-35 हजार रूपये उसके बाद सिहस्थ आ गया और दिलीप मुवेल कहने लगा, सर सिहस्थ में है सर सिहस्थ से आने के बाद तुरंत ज्वाईनिंग मिल जायेगी, उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो वे लोग दिलीप मुवेल के घर गये तो उन लोगों को लेके अलीराजपुर गये। फरियादी और उसके साथी एस. पी. आफिस गये, आफिस में पूछने पर पता चला कि वहा पर कोई एस. डी. ओ. पी. नहीं है जो कि दिलीप मुवेल ने उनको रजला आकर बात कराई थी और दिलीप ने फिर उसे कहा कि तीन, चार पद और खाली है, तो उसने उसके दोस्तों को बोला तो उन्होंने भी बात करके पैसे दे दिये, अब वे पैस उससे मागने लगे तो उसने कहा कि वह इतने सारे पैसे कहा से, यह आदेश उनको दिनांक 22.02.2016 को दिया, इसके बाद जब वे पैसे लेने जाते तो वो उनको तारीक पे तारीक देता गया और अभी तक पैसे नहीं दिये, जो फर्जी एस.डी.ओ. पी. बताया था उस का नाम राहुल राठौर था, दिनांक 20.12.15 को उसने किश्त में दिये थे, जिसमें उन्होंने अलग-अलग पैसे दिये, दिलीप पिता कलमसिंह मुवेल जो नाम इस प्रकार । शंकर पिता महेश परमार, ग्राम रजला 75000 रूपये, कमल बारिया, नि. छापरी 80,000, सागर बारिया, नि. मातासुला दांगी 80000, देवेन्द्र भाभर, नि. ढोलियावाड़ 60,000, अजय गुण्डिया, नि. रजला 55000, मानसिंह परमार, नि. रजला 60,000 रूपये और दिलीप मुवेल ने उनको राजगढ़ नाका पार्क में आदेश लाकर दिये और उन्होंने पैसे भी वहां पर दिये। उक्त रिपोर्ट पर थाना – झाबुआ में अपराध क – 628 / 2016 अपराध अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 34 भा.दं.सं. का पंजीबद्ध किया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को विश्वसनीय व प्रमाणिक मानकर आरोपी को दण्डित किया गया।