शांत पेटलावद में खड़ा हुआ बड़ा विवाद; रात के अंधेरे में शिवलिंग हटाने को लेकर गुस्साए लोेेगो ने किया स्टेट हाईवे जाम ..

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झाबुआ Live डेस्क

बीती रात जिले के पेटलावद में उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब प्रशासन ने रात में पहुंचकर बीती शिवरात्रि को की गई भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को गुपचुप तरीके से स्थान से हटाकर अपने साथ ले जाने की कार्रवाई की। जब इसकी सूचना लोगो को लगी तो लोगो ने स्टेट हाईवे पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। बात इतनी बढ़ गई कि कुछ लोेगो ने रोड़ पर जाम लगा दिया, जिसकी सूचना पर पहुंची पुलिस को उन्हें सख्ती से वहां से हटाना पड़ा और पुलिस पर पथराव तक की घटना घटी। जिसके बाद पुलिस को 6 नामजदो सहित 15 से 20 अन्य लोगो पर प्रकरण दर्ज करना पड़ा।
मामला संविधान के निर्माता भारत रत्न डाॅ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के नगर परिषद द्वारा स्थान परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। दरअसल, 29 दिसंबर 2018 को नगर परिषद ने बैठक में अंबेडकर साहब की प्रतिमा के स्थान परिवर्तन पर प्रस्ताव लाया गया था, जिस पर 29 दिसंबर 2019 को अगली बैठक में विचार और निर्णय में यह तय किया गया था कि बरवेट रोड़ चैराहे पर नपं निर्माण कार्य कराकर स्थान परिवर्तन का कार्य करने की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दी जाती है और इसके बाद यहां कार्य शुरू ही होने वाला था कि नपं के इस निर्णय और प्रस्ताव ने एक बड़ा विवाद पेटलावद में खड़ा कर दिया। जिसका नतीजा यह रहा कि बीती रात गुस्साए लोगो ने रोड़ को जाम कर दिया।
यहां मंदिर बनाने की हो रही मांग, जिस पर विवाद हो रहा खड़ा-
यहां के रहने वाले पवन पाटीदार, विनोद पाटीदार, अनुप भूरिया, कांतिलाल डामर, मुकेश भाटी अमरसिंह, अलका परमार, सामा बाई परमार, कृष्णा भूरिया, रूकमणी पाटीदार, राधा भूरिया, कंचन का आरोप है कि यह भूमि शासकीय नूजूल की भूमि है और यहां मोहल्ले के लोेग भगवान भोलेनाथ के मंदिर बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लगातार मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी मांगो पर अमल नही किया गया है और बिना मोहल्ले के लोेेगो से पूछे नपं ने यह प्रस्ताव पास कर दिया। जिससे विवाद खड़ा हो रहा है। पिछले दिनो हमनें शिवरात्रि पर यहां के लोगो द्वारा भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग की विधिवत पूजा-अर्चना कर स्थापना की थी। यहां यह सभी लोग भगवान भोलेनाथ का मंदिर बनाना चाहते है।
आखिर किसने हटाया भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को-
यहां के लोग यह आरोप लगा रहे है कि प्रशासन ने दबाव-दबाव में रात शिवलिंग को वहां से हटा दिया और अपने साथ ले गए। हालांकि इस मामले में प्रशासन के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है, उन्होनें तो यहां तक हाथ खडे कर दिए कि वहां से शिवलिंग हमनें नही हटाया। रात में गुपचुप तरीके से प्रशासन का विवादित स्थान पर जाना और फिर शिवलिंग को अपने साथ ले जाना और फिर इस बात से इनकार करना कहीं न कहीं प्रशासन पर प्रश्नवाचक चिह्न बन रहा है। अगर प्रशासन ने शिवलिंग नही हटाया तो फिर किसने हटाया यह बड़ा सवाल है, इसी बात को लेकर रात में मामला गरमा गया।
प्रशासन के अधिकारियों के जवाब भी सूनिए-
एसडीएम बोले-मैं बाहर हूं-
मामले में हमने एसडीएम शिशिर गेमावत से चर्चा करनी चाही, लेकिन उन्हें मैं बाहर हूं कहकर फोन रख दिया।
तहसीलदार हड़बड़ाए-
मामले में जब हमनें तहसीलदार जितेंद्र अलावा से चर्चा करनी चाही और उनके पूछा कि रात में क्या मामला हुआ और जो शिवलिंग था भगवान भोलेनाथ का उसे कहां रखा गया, तो वह हड़बड़ाए और कहा कि शिवलिंग तो मंदिर में ही रहता है, फिर हमने पूछा की नई बस्ती में बरवेट रोड़ पर जिस शिवलिंग की स्थापना लोगो ने की थी तो उसे प्रशासन ने हटाया या नही, तो उन्होनें यह कहकर फोन कट कर दिया कि मैं मिलकर बात करता हूं। फिर हमने दोबारा दूरभाष पर चर्चा करनी चाही, लेकिन उन्होनें फोन नही उठाया। इससे यह प्रतित होता है कि प्रशासन ने रात में कोई ऐसी गलती की है जो उजागर होने के बाद उन्हें जवाब देते नही बन रहा है।
टीआई बोले-हमनें रोड़ जाम करने वालो को हटाया-
इस संबंध में टीआई संजय रावत ने बताया रात में कुछ लोेगो द्वारा थांदला-बदनावर रोड़ जाम करने की सूचना हमें मिली थी, जिस पर हमनें मौके पर पहुंचकर पहले उन लोेगो को समझाईश दी, लेकिन वह नही माने। यह सभी लोेग वहां भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को हटाने का विरोध कर रहे थे, हमनें उन्हें समझाया, लेकिन नही माने तो हमनें उन्हें सख्ती से वहां से हटाकर हाईवे को दोबारा शुरू करवाया। इस मामले में हमनें धारा 342,353,147,332,336 भादवि के तहत 6 नामजदों सहित अन्य 15 से 20 लोगो पर प्रकरण दर्ज भी किया है।

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