गोहत्या मामले में विहिप ने DIG को सौंपा ज्ञापन, कहा- वन भूमि पर बने अवैध चर्च के संरक्षण में चल रहे थे कत्लखाने, अधिकारियों को करें निलंबित
इंदौर/झाबुआ। झाबुआ जिले के मेघनगर तहसील अंतर्गत संजेली नान्यासाथ के जंगलों में मिले बड़े पैमाने पर गोवंश कत्लखाने के मामले में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कड़ा रुख अपनाया है। विहिप के गोरक्षा विभाग ने शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को इंदौर में पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) को ज्ञापन सौंपकर दोषियों और लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ।
ज्ञापन में विहिप ने बताया कि 6 दिसंबर 2025 को गोभक्तों की सतर्कता से संजेली के जंगल में चल रही ‘मांस की मंडी’ उजागर हुई। यहां 6 से 10 किलोमीटर के दायरे में करीब 40 से 50 अलग-अलग अड्डों पर गोवंश का कत्ल किया जा रहा था । विहिप का दावा है कि यहां सब्जी मंडी की तरह मांस के ढेर लगाकर 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मांस की सप्लाई की जा रही थी । आशंका जताई गई है कि यह मांस झाबुआ के लोकल मार्केट के साथ-साथ गुजरात और राजस्थान भी भेजा जा रहा था ।

विहिप ने अपने ज्ञापन में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि ये कत्लखाने सेवा के नाम पर धर्मांतरण करने वाले प्रोटेस्टेंट ईसाइयों के चर्च के संरक्षण में चल रहे थे । संगठन का दावा है कि वन भूमि पर अवैध रूप से चर्च और मकान बनाए गए हैं, जिन्हें तत्काल हटाया जाना चाहिए । विहिप ने वन विभाग के रेंजर, बीट प्रभारी और डीएफओ पर भी संरक्षण देने का आरोप लगाया है ।
विहिप की प्रमुख मांगें:
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लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए ।
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वन भूमि पर संचालित अवैध चर्च और अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए ।
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जिन संस्थाओं (चर्च) के संरक्षण में गोहत्या हो रही थी, उनके प्रमुखों पर एफआईआर दर्ज हो ।
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गोमांस खरीदने और बेचने वालों पर भी कार्रवाई की जाए ।
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गोवंश के कानों पर लगे टैग के आधार पर उनके मालिकों और बाजारों (सारंगी, राजगढ़ आदि) की जांच की जाए ।