जिसने मुस्कुराकर जहर पी लिया, उसे जीना आ गया-राजेश कुंवर मसा

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झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
जीवन में जिसे मुस्कुराकर जहर पीना आ गया उसे जिंदगी जीना आ गई। अगर हमें जहर का घूट पीना आगया तो संसार में हमें कोई दुश्मन या विरोधी नजर नहीं आएगा। हमारा मन यदि उच्च बन जाए तो हमारे कदमों में समृध्दि नजर आएगी। परिवार में आपस में टकराव हो जाता हैं, परिवार में पास में रहने वाला तुम्हे बुरा नजर आता हैं और दूर रहने वाला व्यक्ति अच्छा नजर आता हैं। हमें अपने नजदीक वालों से प्रेम बनाए रखना चाहिए जिस प्रकार नदी का पानी दो पाटों के बीच चलता हैं और जब उफान पर आता हैं तो अपने आसपास के गढ्ढों को पहले भरता है और दूर के गढ्ढों को बाद में भरता हैं। इंसान ठीक इसके विपरीत उसके हृदय में प्रेम का उफान बाहर आता है, तो पास वाला व्यक्ति उसे बुरा नजर आता हैं और दूर वाला व्यक्ति अच्छा नजर आता हैं। सांस को अपनी बहु अच्छी नही लगती लेकिन अपनी बेटी अच्छी नजर आती हैं। हमारा प्रेम नजदीक वालो के प्रति ज्यादा होना चाहीयें किंतु दुर वालो के प्रति ज्यादा होता हैं। अगर जीवन में आप शांति चाहते है तो अपना अधिकार हटा दिजिये। अगर आप अधिकार नहीं छोडोंगे तो संघर्ष बढ जाएगा। आप को नदी व पानी के स्वाभाव को याद रखना है। आप अपने परिवार से पहले मेत्री करो। आपको शादी के प्रसंग का आमंत्रण देने के लिये 30-40 दोस्त मिल जाएंगे। जीवन में एक ऐसा भी साथी रखो जो आपको धार्मिक प्रेरणा दे एवं धर्म के मार्ग पर आगे बढाये तो आपका जीवन सुखमय हो जायेगा। उक्त उदभोदन स्थानक भवन मे आयोजित महती धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए राजेश मसा ने दिए। बामनिया में वर्तमान में शिरोमणी महाराज, भारती मसा, प्रमिता महाराज, स्वेता मसा, हर्षिता मसा आदि ठाणा-छह विराजीत हैं।

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