केवलज्ञान सुनते-सुनते चाणोदिया की मृत्यु से बामनिया में शोक

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डोल में शामिल समाजजन
डोल में शामिल समाजजन

झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
पर्युषण पर्व के सातवें दिन कल्पसूत्र वाचन के दौरान भगवान महावीर प्रभु का निर्वाहण व गौतम स्वामी को केवलज्ञान सुनते-सुनते सामायिक व्रत में साध्वीद्वय के हाथों में रेखाबहन चणोदिया का देवलोगमन हुआ, जिसे साध्वी रत्नतत्रयाश्रीजी व तत्वतत्रयाश्रीजी ने महोत्सव के रूप में मनाने की प्रेरणा दी। साध्वीजी ने मंदिरजी के बाहर ही श्रीमती चाणोदिया के पार्थिव शरीर को पाट पर विराजित करवाया और वासक्षेप पूजन करवाई। इस दौरान परिवारजनों के पश्चात समाजजनों ने वासक्षेप पूजन किया। इस दौरान जैन समाज के प्रतिष्ठान बंद रहे। श्रीमती चाणोदिया थांदला नगर परिषद के प्रभारी सीएमओ शीतल चाणेदिया की माताजी व बामनिया पूर्व नगर पालिका के पूर्व सचिव ज्ञानमल चाणोदिया की धर्मपत्नी है। श्रीमती चाणोदिया की पुत्रवधु ने रितु चाणोदिया ने रविवार को 7 उपवास के प्रत्यख्यान ग्रहण किए थे। सुबह उनका और अन्य तपस्वियों का वरघोड़ा निकाला गया था। दोपहर में चाणोदिया परिवार की ओर से चौवीसी रखी गई थी, जिसमें रेखाबहन खुद भी शामिल थी, चौवीसी के बाद साध्वीजी ने कल्पसूत्र वाचन शुरू किया था। रविवार शाम करीब 5 बजे गुरू मंदिर से अंतिम यात्रा डोल के रूप में गुरू मंदिर से भगवान महावीर के जयाकरों के साथ निकाली गई, जो नगर के प्रमुख मार्गो सें होती हुई बामनिया मुक्तिधाम पहुंची जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुख्गानी पुत्र शीतल चाणोदिया ने दी। सोमवार को थांदला विधायक कलसिंह भाबर व सीसीबी के चेयरमैन गौरसिंह वसुनिया शोक संवेदनाएं व्यक्त करने करने बामनिया पहुंचे।

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