जनजातीय नायकों ने स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान दिया लेकिन आज उनका कोई उल्लेख नहीं

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आरिफ हुसैन, चन्द्रशेखर आज़ाद नगर

शासकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों के योगदान  विषय पर कार्यशाला  का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राजेश डावर ,भीमा नायक वनांचल सेवा संस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष उपस्थित हुए और साथ में कमलेश मावी ,कैलाश वसुनिया तथा जितेंद्र जमरा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उपस्थित हुए। प्राचार्य  डॉ .सरदार सिंह डोडवे ने उद्बोधन भाषण में जनजातीय नायकों के इतिहास को इतिहास में दर्जा देने की बात कही और जनजाति समाज की संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने की बात कही । मुख्य वक्ता राजेश डावर ने व्यक्तव्य में कहा कि जनजातीय नायकों ने स्वतंत्रता संग्राम अपना बलिदान दिया व देश के भूगोल ,सम्प्रभु,एकता एवं अखंडता को बनाए रखा,आज उनका कहीं कोई उल्लेख नहीं है। अतः हमें  जनजातीय समाज के रीति -नीति और प्रथा और संस्कार और संस्कृति को संरक्षित कर अगली पीढ़ी तक हस्तांतरित करने की आवश्यकता हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रशासनिक अधिकारी मानसिंह डोडवा के द्वारा किया गया , जिसमें डोडवा ने भी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का परिचय कराते हुए , आयोग के कार्य और उद्देश्य से अवगत कराया।इस अवसर पर गठित टोलियो द्वारा विभिन्न जनजातीय नायको के चित्र बनाकर प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ .रेशम बघेल के द्वारा  आभार माना गया है । कार्यक्रम में समस्त स्टाफ और बड़ी संख्या में छात्र/छात्राएं शामिल हुए।

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