आज़ादी के 75 साल बाद भी पानी को तरस रहे आदिवासी — 900 मीटर दूर से लॉरी में लाना पड़ता है पानी

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भूपेंद्र चौहान, चंद्रशेखर आज़ाद नगर

देश को आज़ाद हुए लगभग 78 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज भी आदिवासी अंचल के लोगों तक मूलभूत सुविधाएँ नहीं पहुंच पाई हैं। आलीराजपुर जिले की आज़ाद नगर तहसील के ग्राम पंचायत बड़ा खुटाजा में पानी की समस्या वर्षों से जस की तस बनी हुई है।

गांव के निवासी नानबू को अपने परिवार की प्यास बुझाने के लिए रोज़ाना लगभग 900 मीटर दूर तक लोरी (ड्रमगाड़ी) लेकर पानी भरने जाना पड़ता है। तपती धूप और ऊबड़-खाबड़ रास्ते के बीच यह रोज़ का संघर्ष अब उसकी मजबूरी बन चुका है।

गांव में एक हैंडपंप जरूर है, लेकिन उसमें पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं निकलता। इसी कारण महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी रोज़ाना घंटों पानी के लिए भटकते हैं। सरकार की “नल-जल योजना” का भी यहां कोई असर दिखाई नहीं दे रहा। गांव में पानी की टंकी तो बनकर तैयार है, बोरिंग भी हो चुकी है, लेकिन ना तो पाइपलाइन डाली गई है, ना ही नल लगाए गए हैं। नतीजा यह है कि करोड़ों की योजना कागज़ों में सिमट कर रह गई है, और ग्रामीण अब भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है।

ग्रामीणों ने मंत्री, सांसद, विधायक और ग्राम पंचायत सरपंच से मांग की है कि गांव में तत्काल पीने योग्य पानी की व्यवस्था की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि – “आज़ादी को 75 साल से ज़्यादा हो गए, पर हम अब भी पानी के लिए गुलामी झेल रहे हैं।” अब सवाल यह है कि क्या सरकार और प्रशासन इस पुकार को सुनेगा, या फिर बड़ा खुटाजा के लोग यूँ ही प्यासे रह जाएंगे?

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