स्वास्थ विभाग के एलटीटी ऑपरेशन कैम्प में महिलाओं के साथ बरती जा रही लापरवाही

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 आरीफ हुसैन@चंद्रशेखर आजाद नगर

आज दिनांक 2 जनवरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ अदिकारी सीबीएमओ के द्वारा अनदेखी में एलटीटी केम्प के ऑपरेशन में ग्रामीण की महिलाओ के साथ बरती जा रही लापरवाही। आज़ाद नगर स्वास्थ अधिकारी को तो बस अपने ब्लॉक का नाम रोशन करने में चाहे जिले से परदेस तक का क्यों ना हों एलटीटी का केम्प लगाकर टार्गेड पूरा करने पर चाहे ग्रामीण की बेचारी ग्रामीण महिलाओं को दरी या चादर पर ही नीचे क्यों ना लेटाना पड़े। यह केम्प नए वर्ष 2020 में पहला एलटीटी केम्प है वैसे तो हर सप्ताह के गुरुवार को केम्प लगाया जाता है लेकिन यह इस नए साल 2020 के पहले सप्ताह का पहला गुरुवार है। जिसमें ग्रामीण से आई एलटीटी कि जिन महिलाओ को ऑपरेशन के लिए ये नीचे दरी या चादर पर ही लेटाया या बैठाया दिया जाता है। डॉक्टर सीबीएमओ द्वारा जवाबदार पद पर रहते हुए लापरवाही की जा रही है वो भी ऐसी स्थति में जब बड़ी सावधानी से महिलाओं का एलटीटी ऑपरेशन किया जाना चाहिए नाकी लापरवाही से ऑपरेशन के वक्त महिला को धूल मिट्टी से बचाना चाहिए ताकि ओप्रेसन के समय महिला को कोई इन्फ़ेक्सन ना हों यदि ऑपरेशन के दौरान किसी महिला को कुछ हो जाता है तो इसका जवाबदार कोन होगा। एलटीटी के चलते कुछ वर्ष पहले ऐसे ही लापरवाही बरतने पर एक महिला की मौत हो चुकी है। जो आज़ाद नगर के ग्राम छोटा भावटा एरण की महिला थी। अब भी सरकारी अस्पताल में लापरवाही बरती जा रही है। इसके बावजूद भी सरकारी होस्पिटल में काया कल्प के नाम पर जिला अधिकारी से लेकर ब्लॉक के अधिकारी भी संभागीय स्तर पर तो बहुत वाह वाई लूटी जा रही है। लेकिन मरीजो को इतनी भी सुविधा दे सकते की उन्हें बेड पर लेटाया जा सके। आज़ाद नगर शासकीय हॉस्पिटल में जनरल वार्ड से लेकर एलटीटी ओप्रेसन में जहा पर महिलाओ को लेटाया गया वहां दिन के 2 बजे भी इतना अंधेरा था कि महिलाओं को बड़ी दिक्कते हो रही थी कुछ दिन पहले की बात करे तो आज़ाद नगर थाने से आई पुलिस को एक घायल महिला के बयान लिखने पर मोबाइल टार्च का उपयोग करना पड़ा था। एलटीटी की महिलाओं को नीचे चद्दर या दरी के ऊपर लेता दिया जाता है। बीते हुए वर्ष में या पिछले सप्ताह की बात की जाए तो एलटीटी ओप्रेसन महिलाओ को अभी तक 1400 रुपये उनके खातों में जमा नही हुए। ऑपरेशन वाली महिला के साथ एक एनएम एक आसा कार्यक्रता भी होती है। जबकि वह अपने स्वयं के खर्च से  वाहन भाड़े कर जाना पड़ता है। जो कि ओप्रेसन के वक्त अगर जनहानि होती है तो इसका जिम्मेदार कौन।