सागौन के पेड़ों पर काली इल्ली का प्रकोप, पेड़ों को देख ऐसा लग रहा जैसे पूरे सूख गए हैं

आरिफ हुसैन, चंद्रशेखर आजाद नगर

क्षेत्र में सागौन के पत्तों को इल्ली नष्ट कर रही है। इस इल्ली ने अब तक हजारों सागौन के पेड़ों के पत्तों को चट कर लिया है। इसके बावजूद वन विभाग इससे बचाव के लिए कोई पहल नहीं कर रहा। विभाग के रेंजर का कहना है इतने बड़े क्षेत्र में दवाई का छिड़काव नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर हरे भरे जंगल के बीच सागौन के पेड़ सूखे हुए नजर आ रहे हैं।

चंद्रशेखर आजाद नगर क्षेत्र में ही लगभग 26 हेक्टेयर में सागौन के पेड़ है। इसके अलावा कट्‌ठीवाड़ा के जंगलों में भी बड़ी संख्या में सागौन है। इन सभी पेड़ों पर काली इल्ली का प्रकोप है। इसका वैज्ञानिक नाम लीफ डिफॉलिएटर है। जो धीरे-धीरे सागौन के पत्तों को चट कर रही है। रेंजर अमन सिंह बघेल का कहना है इसके लिए कोई फंड नहीं है। यह एक प्राकृतिक प्रकोप की तरह है। बड़े-बड़े पेड़ पर दवाई छिंटना भी संभव नहीं है। रेंजर ने बताया दवाई के लिए कोई बजट भी नहीं है। ये इल्ली प्रमुख रूप से मुलायम पत्तों को खाती है। डंठल नहीं खाती है। देखने पर जंगल ऐसा लग रहा है जैसे पतझड़ आ गया है। क्योंकि इल्ली ने पत्तों को पूरी तरह चट कर दिया है। रेंजर ने बताया हमने स्थिति से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है। उधर, इस इल्ली के प्रकोप से पेड़ की वृद्धि प्रभावित होगी। वर्तमान में चारो ओर हरियाली है लेकिन सागोन के पेड़ देखकर ऐसा लगा है जैसे वे पूरी तरह सूख चुके हैं या फिर आग में झुलस गए हो।

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