नियमों को ताक में रखकर महिला जनपद सदस्य की बजाए उनके पति हुए शामिल

आरिफ हुसैन, चंद्रशेखर आजाद नगर

रविवार को स्थानीय बीईओ कार्यालय में रखी गई शिक्षा समिति की बैठक में नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आई। आमंत्रण जनपद सदस्यों को दिया गया था लेकिन महिला जनपद सदस्यों की बजाए उनके पति बैठक में शामिल हुए। जबकि बैठक में शामिल होने आए पार्षद और आसपास की ग्राम पंचायतों के सरपंचों को नियमों का हवाला देकर बैठक से बाहर कर दिया गया। वे कक्ष के बाहर बैठकर इंतजार करते रहे। 

बंद कमरे में बैठक चलती रही। बैठक में विधायक सेना पटेल, जनपद अध्यक्ष इंदर सिंह डावर और नप उपाध्यक्ष नारायण अरोड़ा, बीईओ विनोद कुमार कोरी, खंड स्त्रोत समन्वयक राजेंद्र बैरागी भी मौजूद रहे। बैठक में जपं सदस्य सनु वसुनिया पति कालु वसुनिया, जपं सदस्य संतु मेड़ा के पति कैलाश मेड़ा, जपं सदस्य मनीषा बामनिया के पति सुरेश और जपं सदस्य शांतु पति रामसिंह का बेटा शैलेष बैठक में शामिल हुआ। गौरतलब है कि छात्रावास की 296 सीट पर प्रवेश दिया जाना है। 

अंदर बैठक चल रही थी बाहर पालक इंतजार करते नजर आए। गेट पर भी ताला लगा हुआ था।

ऐसे कैसे आत्मनिर्भर बनेगी महिलाएं

एक ओर जहां देश में महिलाओं को आगे लाने के लिए हर क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा रहा है। दूसरी ओर जनप्रतिनिधि चुनकर आने के बाद भी उन्हें बैठकों में स्थान नहीं दिया जा रहा है। उनके पद का उपयोग उनके पति और परिवार के सदस्य कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इस तरह की व्यवस्था से क्या महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेगी। 

ये बोले जिम्मेदार

मामले में चन्द्रशेखर आज़ाद नगर के बीईओ विनोद कुमार कोरी ने बताया आज़ाद नगर ब्लॉक में कुल 296 रिक्त स्थानों पर छात्रावास में एडमिशन किया गया। साथ ही समिति में जनप्रतिनिधि सदस्यगण रहते है जिसमें विधायक इस समिति का अध्यक्ष होता है। जनपद अध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सभी जनपद सदस्य रहते है। जो भी समिति में है उन्हें लेटर जारी किया गया था।

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